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बरेली के सेवानिवृत्त शिक्षकों को अभी तक नहीं मिला फंड और पेंशन, दो महीने से लगा रहे चक्कर

शिक्षा विभाग से 31 मार्च को सेवानिवृत्त हुए शिक्षक लेखाधिकारी कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं। दो महीने के बाद भी इन शिक्षकों को फंड और पेंशन नहीं मिल पा रही है।शिक्षकों की मानें तो सभी शिक्षकों के दस्तावेज पूर्ण हैं। विकासखंडों से फाइलें एवं नोड्यूज आ चुके हैं।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Thu, 03 Jun 2021 03:04 PM (IST)Updated: Thu, 03 Jun 2021 03:04 PM (IST)
बरेली के सेवानिवृत्त शिक्षकों को अभी तक नहीं मिला फंड और पेंशन, दो महीने से लगा रहे चक्कर
कोरोना काल में कुछ शिक्षक संक्रमित हो गये। कुछ शिक्षकों के परिजन कोरोना का शिकार हो गये।

बरेली, जेएनएन। शिक्षा विभाग से 31 मार्च को सेवानिवृत्त हुए शिक्षक लेखाधिकारी कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं। दो महीने के बाद भी इन शिक्षकों को फंड और पेंशन नहीं मिल पा रही है।शिक्षकों की मानें तो सभी शिक्षकों के दस्तावेज पूर्ण हैं। विकासखंडों से सभी की फाइलें एवं नोड्यूज आ चुके हैं। वहीं कोरोना काल में कुछ शिक्षक संक्रमित हो गये। कुछ शिक्षकों के परिजन कोरोना का शिकार हो गये।

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बुजुर्ग शिक्षकों का कहना है कि कोरोना महामारी में लेखाधिकारी के कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं। बीएसए सुनवाई नहीं कर रहे हैं। वहीं इस बात का डर है कि संक्रमण लग गया। तो और परेशानी हो जाएगी। सेवानिवृत्ति के बाद आर्थिक रुप से परेशान शिक्षकों की परेशानियां बढ़ रहीं हैं। वहीं शिक्षक संगठनों ने भी ज्ञापन दिया है। लेकिन किसी भी तरह की सुनवाई नहीं की जा रही है।

रिटायर शिक्षक सोमपाल ने बताया कि प्राथमिक विद्यालय बिलौरी से सेवानिवृत्त हुए हैं। 31 मार्च के बाद परिवार में ऐसा कहर टूटा। पहले दमाद, फिर बेटा कोरोना पॉजीटिव हुए। उनका इलाज कराया। पूरी जमा पूंजी चली गई। इसके साथ कर्जा भी हो गया। वहीं अब पत्नी की हालत काफी नाजुक है। ऐसे में लेखाधिकारी के कार्यालय के चक्कर भी लगा रहे है। लेकिन पेंशन नहीं मिल पा रही है।

हिरासत अली का कहना है कि उच्चतर प्राथमिक विद्यालय नगरिया सतन से रिटायर्ड हैं। अभी तक पेंशन और फंड के लिए भटक रहे हैं। सभी दस्तावेज भी तैयार हैं। कोरोना काल के चलते परिवार में काफी मुश्किलें आयी। ऐसे दिन किसी को भी न दिखाए। लेकिन अब मानसिक और आर्थिक रुप से टूट चुके हैं। लेखाधिकारी बात नहीं करते हैं। बाबू बीएएस से मिलने नहीं देते हैं। ऐसे में क्या करें। कुछ समझ नहीं आ रहा है।

यशशंकर सिंह ने बताया कि प्राथमिक विद्यालय बड़ा गांव से हेडमास्टर पद से रिटायर्ड हैं।अभी तक पेंशन नहीं है। जिस विभाग में 35 सालें दी। वहां से दुत्कार दिया जाता है। अपने ही हक के लिए हमें विभाग के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। दो महीने हो गये। अभी तक पेंशन नहीं मिल पा रही है। ऐसे में क्या करें। आर्थिक रुप से परेशान है।

उत्तर प्रदेशीय संघ के जिलाध्यक्ष नरेश गंगवार का कहना है कि सेवानिवृत्त शिक्षक लेखाधिकारी कार्यालय के चक्कर लगाकर परेशान है। उन्हें अंदर तक नहीं जाने दिया जाता है। 100 से अधिक शिक्षक रिटायर्ड हैं। सभी के दस्तावेज तैयार हैं। लेकिन पेंशन के लिए भटकना पड़ रहा है। अगर शिक्षकों को समय से पेंशन नहीं मिली। तो संगठन धरना प्रदर्शन करेगा।

बेसिक शिक्षाधिकारी विनय सिंह ने बताया कि सभी शिक्षकों के फंड रिलीज हो चुके हैं। पेंशन किन्हीं कारणवश रुकी होगी। ऐसा नहीं है सभी शिक्षकों को समय से पेंशन मिलेगी। कोरोना काल की वजह से कुछ देरी हुई है। सेवानिवृत्त शिक्षक अपनी परेशानी कार्यालय आकर बता सकते हैं। 


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