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बरेली में किसी निजी मेडिकल स्टोर पर नहीं मिलेगा रेमडेसिविर इंजेक्शन, किसको इंजेक्शन लगाना है इसका फैसला डॉक्टर ही लेंगे

कोरोना संक्रमण से इलाज में कारगर साबित हो रहे रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी जिले में न हो इसकी पुख्ता तैयारी की जा रही है। शनिवार को जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ.रंजन गौतम ने ड्रग इंस्पेक्टर विवेक कुमार व उर्मिला देवी के साथ बैठक की।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Sun, 18 Apr 2021 11:50 AM (IST)Updated: Sun, 18 Apr 2021 11:50 AM (IST)
बरेली में किसी निजी मेडिकल स्टोर पर नहीं मिलेगा रेमडेसिविर इंजेक्शन, किसको इंजेक्शन लगाना है इसका फैसला डॉक्टर ही लेंगे
मरीजों को सीधे नहीं जिला सर्विलांस अधिकारी से की जाएगी डिमांड।

बरेली, जेएनएन। कोरोना संक्रमण से इलाज में कारगर साबित हो रहे रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी जिले में न हो, इसकी पुख्ता तैयारी की जा रही है। शनिवार को जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ.रंजन गौतम ने ड्रग इंस्पेक्टर विवेक कुमार व उर्मिला देवी के साथ बैठक की। उन्होंने साफ किया कि किसी निजी मेडिकल स्टोर पर रेमडेसिविर नहीं बिकेगी। कोरोना संक्रमित मरीज को रेमडेसिविर लगाई जानी है या नहीं, इसका फैसला डॉक्टर लेंगे। यही नहीं, डॉक्टर भी मरीज के तीमारदारों को रेमडेसिविर दवाई बाहर से लाने के लिए नहीं कहेंगे। इंजेक्शन कोविड अस्पताल में खुद ही उपलब्ध होगा। जरूरत होने पर डिमांड सीधे जिला सर्विलांस अधिकारी से की जाएगी। व्यवस्था इसलिए बनाई है ताकि कालाबाजारी न हो सके।

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रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाने वाली कंपनियों ने तय किए दाम 

उधर, देश में रेमडेसिविर बनाने वाली सात कंपनियों ने सरकार के अनुरोध पर इंजेक्शन के दाम कम कर दिए हैं। रेमडेक इंजेक्शन 2800 की जगह 899 में मिलेगा। वहीं, रेमविन का दाम 3950 रुपये से घटाकर 2,450 रुपये रखा गया है। रेडिक्स की कीमत 5,400 रुपये से घटाकर 2700, सिपरेमी की कीम 4000 की जगह तीन हजार, डेशरेम ब्रांड की रेमडेसिविर की कीमत 4800 से घटाकर 3400, जूबी-आर की कीमत 4700 से 3400 और कोविफोर की कीमत 5400 से घटाकर 3490 हो गई है।

हेल्पलाइन नंबर तो जारी किए, लेकिन बात बनना मुश्किल

रेमडेसिविर इंजेक्शन के बढ़ते दाम और कालाबाजारी को लेकर देश भर में कुछ दिन पहले शोर मचा। जिसके बाद देश की कई कंपनियों ने अपने-अपने हेल्पलाइन नंबर जारी किए। विश्वास दिलाया गया कि जरूरत पड़ने पर कंपनी जरूरतमंंद के घर तक रेमडेसिविर इंजेक्शन उचित दाम पर पहुंचवाएगी। लेकिन दैनिक जागरण ने कई हेल्पलाइन नंबर पर लगातार संपर्क किया। कोई नंबर कई बार प्रयास करने के बावजूद नहीं लगा। वहीं, किसी नंबर पर कॉल करने पर कसटमर केयर पर घंटों वेटिंग जाती रही। महज एक कंपनी का पलटकर मैसेज आया। इसमें अस्पताल का नाम व पता, फार्मासिस्ट का नाम और जरूरतमंद का मोबाइल नंबर मांगा गया।

फेविरापिर टेबलेट की बाजार में किल्लत

फेविरापिर साल्ट की टेबलेट बाजार से गायब हो गई हैं। दरअसल, यह एंटी वायरल टेबलेट है और कोरोना संक्रमित मिलने पर अधिकांश केस में कोरोना संक्रमण के शुरूआती सबसे पहले यही दवा दी जाती है। इससे वायरल लोड कम होता है। चूंकि इधर कोरोना संक्रमितों की संख्या तेजी से कम हुई है।


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