UP BEd Entrance Exam 2022: बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा के लिए रिकार्ड 6,67,484 अभ्यर्थियों ने किया आवेदन
उत्तर प्रदेश बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा के राज्य समंवयक डा. पीबी सिंह ने बताया कि बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा के लिए 20 मई तक आवेदन किए जाने थे। इस बार कुल छह लाख 67 हजार चार सौ चौरासी अभ्यर्थियों ने प्रवेश परीक्षा के लिए आवेदन किया है।
बरेली, जेएनएन। शासन की ओर से एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय को बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा कराने की जिम्मेदारी दी गई है। जिसके लिए आनलाइन आवेदन की तिथि समाप्त हो चुकी है। इस बार प्रवेश परीक्षा के लिए रिकार्ड आवेदन होने से विश्वविद्यालय प्रशासन गदगद है। विवि ने अपना 2011 व 2019 के साथ ही लखनऊ विवि के 2021 का भी रिकार्ड पीछे छोड़ दिया है।
उत्तर प्रदेश बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा के राज्य समंवयक डा. पीबी सिंह ने बताया कि बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा के लिए 20 मई तक आवेदन किए जाने थे। इस बार कुल छह लाख 67 हजार चार सौ चौरासी अभ्यर्थियों ने प्रवेश परीक्षा के लिए आवेदन किया है। जो कि अब तक का सर्वश्रेष्ठ है। वर्ष 2019 में भी रुहेलखंड विश्वविद्यालय यह प्रवेश परीक्षा करवा चुका है। तब 6.09 लाख आवेदन आए थे। वर्ष 2020 और वर्ष 2021 में लखनऊ विश्वविद्यालय ने प्रवेश परीक्षा कराई। जिसमें 2020 में 5,91,000 और वर्ष 2021 में 6,14,000 लोगों ने आवेदन किया। इस बार बीते तीन वर्षों के रिकार्ड टूट गया।
रुविवि के नवीन छात्रावास में अतिरिक्त रुपयों की मांग पर छात्रों ने की भूख हड़ताल: एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय का नवीन छात्रावास किसी न किसी बात को लेकर चर्चा में बना रहता है। बीते दिनों यहां के छात्रों ने वार्डन द्वारा अतिरिक्त रुपये वसूले जाने का आरोप लगाते हुए कुलपति को ज्ञापन दिया था। जिसमें उन्होंने अतिरिक्त रुपये लेने का विरोध करते हुए इसे न वसूले जाने की मांग की थी। कुलपति ने मामले का निस्तारण करने के निर्देश भी दिए थे। वहीं शनिवार देर रात छात्रों ने अचानक से भूख हड़ताल कर दी। अचानक दो सौ छात्रों द्वारा भूख हड़ताल किए जाने की सूचना से विवि प्रशासन में हड़कंप मच गया। देर रात ही हास्टल के वार्डन ने पहुंचकर किसी तरह आक्रोशित छात्रों से बात कर मामला शांत कराया। जिसके बाद छात्रों ने खाना खाया।
रुविवि के नवीन छात्रावास में स्नातक प्रथम वर्ष के छात्र रहते हैं। शनिवार शाम मेस में खाना तैयार हो गया। रात नौ बजे तक जब एक भी छात्र खाना खाने मेस में नहीं पहुंचा तो मेस के इंचार्ज ने इसकी जानकारी की। जिसमें पता हुआ कि छात्रों ने भूख हड़ताल का ऐलान कर दिया है। कोई भी छात्र मेस में खाना खाने नहीं जाएगा। मेस इंचार्ज ने पूरी जानकारी वार्डन डा. विजय बहादुर सिंह को दी। वह तुंरत हास्टल पहुंचे। वहां मेस इंचार्ज की उपस्थिति में छात्रों ने उनसे बातचीत की। छात्रों ने कहा कि आठ जनवरी से 12 फरवरी तक कोरोना के कारण छुट्टी कर दी गई थी। उसके बाद भी हम लोगों से 2200 रुपये लिए गए। विश्वविद्यालय के अन्य हास्टल में मेस फीस अभी भी 2200 रुपये प्रतिमाह चल रही है जबकि हम लोगों की फीस बढ़ाकर 2500 रुपये कर दी गई। पैसा बढ़ने के बाद भी खाने की गुणवत्ता में कोई विशेष अंतर नहीं है। छात्रों ने आठ जनवरी से 12 फरवरी तक उतने ही दिन का पैसा लेने की मांग की जितने दिन उन्होंने भोजन किया था। देर रात घंटों हुई बहस के बाद वार्डन डा. विजय बहादुर ने छात्रों का पैसा वापस कराने की बात कहने पर छात्र शांत हुए और मेस में जाकर खाना खाया।