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Chinmayanand Case : एसआइटी ने अपनी चार्जशीट में किस तरह से जुटाए सुबूत, पढ़िये पूरी तहकीकात...

एसआइटी की जांच करीब 60 दिन तक जांच चली। 79 साक्ष्य जुटाए गए। 105 लोगों से पूछताछ की गई। दोनों मामलों में सात आरोपित बनाए जिनकी 4700 पेज की केस डायरी तैयार की।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Wed, 06 Nov 2019 08:38 AM (IST)Updated: Wed, 06 Nov 2019 09:18 AM (IST)
Chinmayanand Case : एसआइटी ने अपनी चार्जशीट में किस तरह से जुटाए सुबूत, पढ़िये पूरी तहकीकात...

शाहजहांपुर, जेएनएन। चिन्मयानंद प्रकरण में एसआइटी की जांच करीब 60 दिन तक जांच चली। 79साक्ष्य जुटाए गए। 105 लोगों से पूछताछ की गई। दोनों मामलों में सात आरोपित बनाए गए, जिनकी 4700 पेज की केस डायरी तैयार हुई। बीस-बीस पेज की चार्जशीट बनाई गईं। पांच आरोपित जेल में हैं, जबकि दो अन्य की गिरफ्तारी होगी या नहीं इस बारे में फैसला कोर्ट को करना है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हो रहीं दोनों जांच की निगरानी हाईकोर्ट कर रहा था। ऐसे में एसआइटी ने जांच में सावधानी बरती। एक-एक साक्ष्य की फॉरेंसिक जांच कराई। बयानों के आधार पर घटनाओं का एक-दूसरे से कनेक्शन जोड़ा।

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तैयार कराई मिरर इमेज

मंगलवार को आइजी नवीन अरोड़ा ने पुलिस लाइंस में जांच का सिलसिलेवार ब्योरा दिया। कॉलेज के हास्टल में छात्र के कमरे से लेकर दिव्यधाम तक की गई जांच और वहां से जुटाए गए साक्ष्यों के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि 24 भौतिक व 55 अभिलेखीय साक्ष्य एकत्र किए गए। उन्होंने बताया कि गवाह बने कार चालक अनूप की ओर से दिए गए वीडियो, चिन्यमानंद, सचिन, ओम सिंह आदि के मोबाइल फोन का लखनऊ स्थित विधि विज्ञान प्रयोगशाला में फॉरेसिंक प्रशिक्षण कर मिरर इमेज तैयार कराई। ओम सिंह व चिन्मयानंद के मोबाइल फोन से जो डाटा डिलीट हुआ था उसे रिकवर करने के लिए फोन लखनऊ के अलावा गुजरात की गांधीनगर स्थित डायरक्ट्रेट ऑफ फॉरेंसिक साइंस लैब भेजा गया। ताकि पता चल सके कि इन साक्ष्यों से कोई कट-पेस्ट या टैंपरिंग तो नहीं हुई।

वकील को नहीं दिए थे स्क्रीन शॉट

आइजी ने बताया कि चिन्मयानंद को जिस नंबर से धमकी भरा मैसेज, अश्लील वीडियो के स्क्रीन शॉट व फोटो भेजे गए उनकी जांच कराने पर गांधी नगर लैब से महत्वपूर्ण साक्ष्य मिले। उसमें पता चला कि संजय ने दिव्यांशु नाम के युवक से फेक आइडी पर सिम लेकर उस पर वाट्सएप इंस्टाल किया। उसी से चिन्मयानंद के नंबर पर मैसेज भेजा। उसके अलावा वीडियो और स्क्रीन शॉट भी भेजे, लेकिन चिन्मयानंद ने ओम सिंह को सिर्फ मैसेज भेजा। फोटो व स्क्रीन शॉट नहीं। मैसेज व स्क्रीन शॉट जांच में रिकवर हुए। जो वीडियो वायरल हुए या टीम को मिले उनकी स्वयं जांच करने की बजाय पहले लैब से मिरर इमेज तैयार कराई। ताकि कोर्ट में साक्ष्यों को लेकर कोई दिक्कत न हो।

मोबाइल से मिली काफी मदद

चिन्मयानंद की मालिश और कार-होटल में आरोपितों की बातचीत के वीडियो व ऑडियो की जांच कराई। कोर्ट से अनुमति लेकर विधि विज्ञान प्रयोगशाला में आरोपितों का वॉयस सैंपल टेस्ट कराया। सभी का मिलान होने पर साबित किया कि आवाज इन्हीं लोगों की है। वीडियो में उन लोगों की पहचान परिचित लोगों से कराई। मोबाइल फोन में कई महत्वपूर्ण डाटा निकले। सचिन ने कई जगह होटल बुकिंग की। डेबिट कार्ड से ड्राइवर अनूप व सचिन ने कई जगह पेमेंट भी किए। ये सब जांच में सामने आए।

कटोरी, पर्दे व तौलिया का भी मिलान

आइजी ने बताया कि जांच के दौरान एसएस कॉलेज के हॉस्टल व दिव्यधाम से कुछ चीजों को साक्ष्य के रूप में लिया गया था। जिनकी लैब से जांच कराई गई। वहां से लिए गए कटोरी, पर्दे व तौलिए का मालिश के दौरान बने वीडियो से मिलान करते हुए लैब ने पुष्टि की। जिससे साबित हुआ कि चश्मे से बने वीडियो में दिख रहीं चीजें वही हैं।

कॉल डिटेल व सर्विलांस ने दिए कई साक्ष्य

एसआइटी ने बताया कि सभी की सीडीआर से कॉल डिटेल व सर्विलांस से लोकेशन निकाली। एक साथ व अलग-अलग जगह रुकने के साक्ष्य जुटाए। होटल, बैरियर क्रॉस करने, गेस्ट हाउस रुकने, बुकिंग में आइडी लगाने समेत अन्य साक्ष्य निकाले। होटल में जो सीसीटीवी फुटेज मिले वह भी लैब में भेजे गए। फुटेज 65 बी फार्म के तहत प्रमाण पत्र से हासिल किए, जिन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा।

सात सितंबर से शुरू हुई थी मामले की जांच

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर शासन ने चिन्मयानंद पर लगे दुष्कर्म के आरोप व उनसे पांच करोड़ की रंगदारी मांगे जाने के मामले में एसआइटी का गठन किया था। छह सितंबर को शाहजहांपुर पहुंची थी। एसआइटी ने हाईकोर्ट की निगरानी में सात सितंबर से जांच शुरू की थी। इस दौरान चिन्मयानंद, छात्र व तीनों युवकों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। सात नवंबर को एसआइटी को अपना जवाब हाईकोर्ट में देना है। जबकि 28 नवंबर को उसे स्टेटस रिपोर्ट पेश करनी है। इससे पहले दो बार टीम हाईकोर्ट को स्टेटस रिपोर्ट दे चुकी है।

पुलिस व कालेज प्रशासन की शासन को सौंपेगी रिपोर्ट

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर एसआइटी को जांच तो दुष्कर्म व रंगदारी मामले में करनी थी, लेकिन जांच के दौरान उसे कुछ और गड़बड़यिां मिलीं, जिनकी रिपोर्ट शासन को सौंपी जाएगी। एसआइटी प्रभारी आइजी नवीन अरोड़ा ने बताया कि उन्होंने दो और रिपोर्ट तैयार की हैं, जिनमें से एक रिपोर्ट इस पूरे प्रकरण के दौरान पुलिस की गतिविधि से संबंधित है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में पूरी जानकारी शासन को दी जाएगी। इसके अलावा एसएस कालेज प्रबंधन के स्तर पर भी कुछ गड़बड़यिां सामने आई हैं वे भी रिपोर्ट के रूप में शासन को दी जाएंगी। इन दोनों रिपोर्ट पर कार्रवाई के बारे में शासन निर्णय लेगा। ये गड़बड़यिां क्या हैं इस बारे में उन्होंने ज्यादा कुछ नहीं बताया।


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