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कुपोषण का दंश : प‍‍ढिए कैसे हुई मोहनी की मौत और क्यों मचा है स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप Bareilly News

कुपोषण न फैले इसके लिए अभियान चल रहे हैं। मोटी रकम खर्च की जा रही है। मोहिनी की मौत ने सारे दावों को हवा से लाकर जमीन पर लाकर पटक दिया।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Thu, 07 Nov 2019 08:46 AM (IST)Updated: Thu, 07 Nov 2019 08:46 AM (IST)
कुपोषण का दंश : प‍‍ढिए कैसे हुई मोहनी की मौत और क्यों मचा है स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप Bareilly News

जेएनएन, बरेली : नौनिहालों को कुपोषण से दूर करने के सरकार तमाम दावे एक बार फिर फेल साबित हुए। कभी बैठकों में तो कभी मंत्री-नेताओं के सामने दावे किए जाते रहे कि कुपोषण न फैले इसके लिए अभियान चल रहे हैं। मोटी रकम खर्च की जा रही है। गांवों तक दौड़ लग रही मगर बुधवार को मोहिनी की मौत ने इन सारे दावों को हवा से लाकर जमीन पर लाकर पटक दिया। वह मासूम कुपोषण की गिरफ्त में इस कदर फंस चुकी थी कि जान चली गई। गंभीर हाल में उसे पांच दिन पहले पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती कराया गया था। इलाज के बावजूद उसकी हालत में सुधार नहीं हुआ।

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भमोरा के गांव सरदारनगर निवासी राममूर्ति मजदूरी करते हैं। उनकी चार साल की बेटी मोहिनी कुछ समय पहले कुपोषण का शिकार हो गई। धीरे-धीरे मोहिनी अतिकुपोषित की श्रेणी में पहुंच गई। करीब बीस दिन पहले उसकी हालत ज्यादा खराब हुई तो परिवार वाले उसे आसपास के डॉक्टरों को ही दिखाते रहे। किसी के बताने पर राममूर्ति अपनी बेटी को एक नवंबर को जिला अस्पताल स्थित पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) लेकर आए।

कई बीमारियों की गिरफ्त में थी बच्ची : अतिकुपोषित मोहिनी कई बीमारियों की गिरफ्त में थी। भर्ती के दौरान उसका वजन मात्र साढ़े पांच किलो था। पूरे शरीर में हड्डियां दिखाई दे रही थीं, मांस सूख गया था। पैरों में सूजन आ गई थी। उसे तीव्र निमोनिया भी था।

पांच बच्चों में चौथे नंबर की थी मोहिनी : राममूर्ति के परिवार में पत्नी गोमती और पांच बच्चे थे। मोहिनी चौथे नंबर की थी। राममूर्ति मेहनत-मजदूरी करके परिवार को चलाते हैं। राममूर्ति ने बताया कि अन्य बच्चों की स्थिति ठीक है। किसी को भी कुपोषण की शिकायत नहीं है।

बच्ची अतिकुपोषित थी, जिस कारण उसे अन्य कई बीमारियों ने भी जकड़ लिया था। तबीयत बिगड़ने पर उसे उपचार दिया गया। इसी बीच अचानक उसकी मौत हो गई।

डॉ. करमेंद्र, बाल रोग विशेषज्ञ

परिवार वाले सीधे बच्ची को एनआरसी में लेकर आए थे। भर्ती करने वाले दिन ही उसकी हालत काफी खराब थी। बुधवार दोपहर तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर उसे बच्चा वार्ड भेजा गया।

डॉ. रोजी जैदी, डायटीशियन, एनआरसी


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