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Swami Chinmayananda Arrested: जानिए... कैसे गोंडा के कृष्णपाल सिंह बन गए चिन्मयानंद, शाहजहांपुर से क्या था नाता Shahjahanpur News

चिन्मयानंद... करीब एक माह से यह नाम सुर्खियों में है। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय गृहराज्यमंत्री रहे चिन्मयानंद पर उनके कॉलेज की छात्रा ने दुष्कर्म के आरोप लगाएं हैं।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Fri, 20 Sep 2019 01:55 PM (IST)Updated: Fri, 20 Sep 2019 01:55 PM (IST)
Swami Chinmayananda Arrested: जानिए... कैसे गोंडा के कृष्णपाल सिंह बन गए चिन्मयानंद, शाहजहांपुर से क्या था नाता Shahjahanpur News

जेएनएन, शाहजहांपुर : चिन्मयानंद... करीब एक माह से यह नाम सुर्खियों में है। ...और चर्चा का केंद्र बिंदु है शाहजहांपुर। आठ साल में यह दूसरा मौका है जब चिन्मयानंद पर गंभीर आरोप लगने पर देश भर में चर्चा में हैं। पहले पूर्व छात्रा ने दुष्कर्म का आरोप लगाकर मुकदमा दर्ज कराया था, इस बार उनके कॉलेज की छात्रा ने भी ऐसे ही गंभीर आरोप लगाए। प्रकरण सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा। कोर्ट के निर्देश पर एसआइटी ने जांच के बाद उन्हें गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है।  

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गोंडा के गांव में हुआ जन्म

गोंडा जिले के गोगिया पचदेवरा गांव के मूल निवासी कृष्णपाल उर्फ चिन्मयानंद का जन्म तीन मार्च 1947 को हुआ था। घर का माहौल धार्मिक था। साधु-संतों का आना-जाना रहता था। कृष्णपाल की प्रवृत्ति भी धार्मिक हो गई। इंटर के बाद उन्होंने घर त्याग दिया। पंजाब चले गए। वहां कुछ समय तक रहे, फिर वृंदावन आ गए। इस दौरान इंस्टीट्यूट ऑफ ओरिजनल फिलास्फी से स्नातक व परास्नातक की परीक्षा पास की। 1982 में दर्शनशास्त्र में बनारस विश्वविद्यालय से पीएचडी की।

ऋषिकेश में मिला चिन्मयानंद नाम

1971 में चिन्मयानंद परमार्थ आश्रम ऋषिकेश पहुंचे। ऋषिकेश में साधु-संत के बीच रहने पर उन्हें नाम मिला चिन्मयानंद का। और कृष्णपाल सिंह से वह चिन्मयानंद हो गए।

कांग्रेसी विचारधारा का परिवार, खुद संघ से जुड़े

चिन्मयानंद के परिवार की विचारधारा कांग्रेसी थी। उनके चचेरे भाई उमेश्वर प्रताप सिंह कांग्रेस से विधायक रहे, लेकिन चिन्मयानंद संघ की विचारधारा के समर्थक थे। वह जयप्रकाश नारायण के आंदोलन से जुड़े। संघ की एकात्मता यात्रा में भी भागीदारी की। फिर रामजन्मभूमि आंदोलन से जुड़ गए। सात अक्टूबर 1984 को सरयू तट पर राम जन्मभूमि का संकल्प लिया। 19 जनवरी 1986 को रामजन्मभूमि आंदोलन संघर्ष समिति के राष्ट्रीय संयोजक बने। 1989 में स्वामी निश्चलानंद के अधिष्ठाता पद छोडऩे के बाद चिन्मयानंद मुमुक्षु आश्रम आ गए।

तीन दशक से शाहजहांपुर से जुड़ाव

तीन दशक पहले मुमुक्षु आश्रम के अधिष्ठाता बनकर शाहजहांपुर आए। इस बीच उनका राजनीतिक कद भी तेजी से बढ़ा, लेकिन पिछले आठ वर्षों के दौरान उन पर दो बार दुष्कर्म के आरोप भी लगे। पहले उनकी एक पूर्व शिष्या, और अब लॉ कॉलेज की छात्रा ने गंभीर आरोप लगाए हैं।

तीन बार बने सांसद, केंद्रीय गृह राज्यमंत्री रह चुके 

चिन्मयानंद तीन बार सांसद रहे। 1991 में भाजपा ने उन्हें बदायूं से टिकट दिया। वह जीत गए। 1996 में शाहजहांपुर से हारे, 1998 में मछलीशहर से जीते, 1999 में जौनपुर से जीते। वर्ष 2003 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री की जिम्मेदारी मिली।  


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