Razou Feeder: शासन की फटकार के बाद बरेली में सुलझ गई 12 साल से चल रही खीचतान, जानिए क्या है मामला
बरेली में 12 सालों से रजऊ फीडर की मेंटीनेंस को लेकर चली आ रही खींचतान दो घंटे की बैठक में सुलझ गई। शासन की फटकार के बाद विद्युत विभाग ने उद्यमियों की सभी शर्ताें पर रजामंदी दे दी।
बरेली, जेएनएन। बरेली में 12 सालों से रजऊ फीडर की मेंटीनेंस को लेकर चली आ रही खींचतान बुधवार शाम दो घंटे की बैठक में सुलझ गई। शासन की फटकार के बाद विद्युत विभाग ने उद्यमियों की सभी शर्ताें पर रजामंदी दे दी। औद्योगिक क्षेत्र की बिजली समस्याओं को खत्म करने के लिए विद्युत विभाग और आइआइए पदाधिकारियों की बैठक स्टेशन रोड के एक होटल में हुई। मुद्दा सालों पुराना रजऊ फीडर का उठा।
उद्यमियों ने औद्योगिक क्षेत्र में निर्बाध विद्युत आपूर्ति के लिए फीडर को अपने खर्च पर तैयार करवाया था, लेकिन इतने सालों से इस फीडर का मेंटीनेंस विद्युत विभाग नहीं कर रहा था। विद्युत विभाग का तर्क था कि यह फीडर उनका नहीं है। उद्यमियों का है, इसलिए वही मेंटीनेंस करें। आैद्योगिक क्षेत्र के लिए 12 साल पहले बने फीडर का अब तक देखरेख उद्यमी ही कर रहे थे।
लेकिन ट्रिपिंग और कटौती से परेशानी ज्यादा थी। शासन के साथ पत्राचार हो चुका था। शासन ने दो दिन पहले निर्देश जारी किए थे कि विद्युत विभाग के अधिकारी खुद औद्योगिक क्षेत्रों में जाकर समस्याओं का निस्तारण करें। इसलिए शहर एसई नंद किशोर मिश्रा, ग्रामीण एसई तारिक जलील और आइआइए के पदाधिकारियों ने बैठक में समस्याओं के निस्तारण पर चर्चा की। आइआइए के अध्यक्ष पीयूष अग्रवाल समेत पदाधिकारी बैठक का हिस्सा रहे।