भूजल सप्ताह पर विशेष : रखरखाव के अभाव में दम तोड़ रहे हार्वेस्टिग सिस्टम
बरेली जेएनएन एक तो भवनों में रेन वॉटर हार्वेस्टिग सिस्टम लगा नहीं है। जहां लगा भी है व
बरेली, जेएनएन : एक तो भवनों में रेन वॉटर हार्वेस्टिग सिस्टम लगा नहीं है। जहां लगा भी है, वहां रखरखाव के अभाव में वह दम तोड़ रहे हैं। प्रभावी कार्रवाई न होने से लोग जहां इसे अनदेखा कर रहे हैं, वहीं बरसात का पानी संरक्षित होने की बजाय बर्बाद हो रहा है।
जल ही जीवन है। ऐसे में इसे संरक्षित करने की जरूरत है। खासकर बरसात के पानी को। इसी सोच के साथ शासन ने बड़े भवनों में रेन वॉटर हार्वेस्टिग सिस्टम को अनिवार्य किया है। हालांकि प्रभावी कार्रवाई के अभाव में लोग इसके महत्व को नहीं समझ रहे हैं। पुराने सरकारी भवनों में रेन वॉटर हार्वेस्टिग सिस्टम लगा ही नहीं है। विकास भवन में लगा है, लेकिन रखरखाव न होने से सिस्टम दम तोड़ रहा है। ऐसे में उद्देश्य की पूर्ति नहीं हो पा रही है। सरकार ने तीन सौ वर्गमीटर से ज्यादा क्षेत्रफल के भवनों का नक्शा पास कराने पर यह अनिवार्य शर्त रखी है कि उन्हें सिस्टम को लगवाना ही होगा। इसके लिए क्षेत्रफल के हिसाब से तय राशि भी सिक्योरिटी के रूप में जमा होती है। न लगाने पर पूर्णता प्रमाण पत्र दिए बिना इसको जब्त करने का प्रावधान है। यानि वह भवन अवैध माना जाएगा। हालांकि न तो इसके लिए अभियान चलाया जाता है और न ही लोग जागरूक हैं। शायद यही वजह है कि दिनोंदिन पानी की समस्या विकराल होती जा रही है। फिर भी लोग इसके महत्व को नहीं समझ रहे हैं।
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तीन सौ वर्गमीटर के अधिक क्षेत्रफल वाले भवनों के लिए यह अनिवार्य है। न लगाने वालों की सिक्योरिटी जब्त करने और पूर्णता पत्र न देने का प्रावधान है।
आरके जायसवाल, अधीक्षण अभियंता, बीडीए