ठेकेदार कर रहे मनमानी, गुणवत्ता पर फिरेगा पानी
पीडब्ल्यूडी की कार्यप्रणाली ही गुणवत्ता युक्त सड़कों के आड़े आ रही है।
जागरण संवाददाता, बरेली : पीडब्ल्यूडी की कार्यप्रणाली ही गुणवत्ता युक्त सड़कों के आड़े आ रही है। विभाग व ठेकेदार के बीच होने वाले किसी भी अनुबंध में अनुमोदित क्वैरी (जहां से पत्थर निकाले जाते हैं) को स्पष्ट नहीं किया जा रहा है। इस कारण ठेकेदार मनमानी कर रहे हैं। वह सस्ता पत्थर लाकर डाल रहे है, जिस कारण संतोषजनक इम्पैक्ट वैल्यू का ही पत्थर सड़कों के निर्माण में लग रहा है। जबकि विभाग की अनुमोदित क्वैरी से अधिक इम्पैक्ट वैल्यू का पत्थर निकल रहा है।
शासन ने सूबे में तमाम ऐसी क्वैरी को अनुमोदित किया है, जहां से पीडब्ल्यूडी सड़क निर्माण के लिए पत्थर का इस्तेमाल करता है। प्रक्रिया के तहत अनुमोदन से पहले बकायदा वहां पत्थर की उपलब्धता और उसकी इम्पैक्ट वैल्यू की जांच भी की जाती है।
अनुमोदित क्वैरी की इम्पैक्ट वैल्यू काफी अधिक
मंडल में सड़कों के निर्माण के लिए नजदीक की अनुमोदित क्वैरी हल्द्वानी है। यहां पत्थर की उपलब्धता और उसकी इम्पैक्ट वैल्यू की जांच भी बीते दिनों कराई गई है, फिलहाल जांच रिपोर्ट नहीं आई है। इससे पहले तक जो भी गिट्टंी वहां से आई, उसकी इम्पैक्ट वैल्यू 15 से 20 के बीच पाई गई।
इंजीनियर्स संघ कर चुका है मांग
डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ के क्षेत्रीय महामंत्री एचएन मिश्रा ने बताया कि संघ बीते दिनों मुख्य अभियंता को पत्र देकर अनुमोदित क्वैरी से ही गिट्टंी मंगवाने की मांग कर चुका है।
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मिनिस्ट्री ऑफ सरफेस ट्रांसपोर्ट ने कुछ समय पहले अनुबंध में क्वैरी अंकित करने से मना कर दिया है। सड़क निर्माण को जो भी पत्थर आएगा, उसकी जांच अवश्य कराई जाएगी। इम्पैक्ट वैल्यू ठीक होने पर ही उसका इस्तेमाल कराया जाएगा।
राकेश राजवंशी, मुख्य अभियंता