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IVRI News : अंडरटेकि‍ंंग देकर ऑनलाइन मिलेगा प्रोविजनल डिग्री सर्टिफिकेट

भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान में छात्रों को प्रोविजनल डिग्री सर्टिफिकेट (पीडीसी) के लिए एनओसी की दिक्कत नहीं होगी। संस्थान ने कोरोना काल को देखते हुए उन्हें राहत दे दी है।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Wed, 29 Jul 2020 07:22 PM (IST)Updated: Wed, 29 Jul 2020 07:22 PM (IST)
IVRI News : अंडरटेकि‍ंंग देकर ऑनलाइन मिलेगा प्रोविजनल डिग्री सर्टिफिकेट
IVRI News : अंडरटेकि‍ंंग देकर ऑनलाइन मिलेगा प्रोविजनल डिग्री सर्टिफिकेट

बरेली, जेएनएन। भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आइवीआरआइ) से मास्टर ऑफ वेटनरी साइंस (एमवीएससी), बैचलर ऑफ वेटनरी साइंस (बीवीएससी) और पीएचडी करने वाले छात्र-छात्राओं के लिए राहत भरी खबर है। अब उन्हें प्रोविजनल डिग्री सर्टिफिकेट (पीडीसी) के लिए एनओसी की दिक्कत नहीं होगी। संस्थान ने कोरोना काल को देखते हुए उन्हें राहत दे दी है। जिसमें तय हुआ है कि संस्थान के जो छात्र हॉस्टल, लाइब्रेरी सहित जो भी एनओसी नहीं दे पाए हैं वे और उनके गाइड ई-मेल के जरिए अंडरटेङ्क्षकग देंगे, जिसमें बताना होगा कि कोरोना की स्थिति सामान्य होते ही वह संस्थान आकर बची हुई एनओसी जमा कर देंगे। इस अंडरटेङ्क्षकग के बाद उन्हें प्रोविजनल डिग्री ऑनलाइन दे दी जाएगी। यह निर्णय आइवीआरआइ ने छात्र हित में लिया है।

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आइवीआरआइ में बीवीएससी, एमवीएससी और पीएचडी पाठ्यक्रम संचालित हैं। इनमें पढऩे वाले छात्र-छात्राओं को रहने, खाने, लाइब्रेरी आदि की सुविधा दी जाती है। अभी तक विद्यार्थियों को कोर्स पूरा होने पर प्रोविजनल डिग्री सर्टिफिकेट के लिए सबसे पहले हॉस्टल से लेकर सभी जगह की एनओसी देनी पड़ती है। इस समय कोविड-19 की वजह से संस्थान ने अपने सभी विद्यार्थियों को घर भेज दिया है। डिग्री पूरी करने के बाद उन्हें सर्टिफिकेट की जरूरत है। लेकिन कोविड की वजह से एनओसी निकालने में दिक्कत आ रही है। इसलिए संस्थान ने अंडरटेङ्क्षकग लेकर पीडीसी जारी करने का फैसला लिया है। संस्थान इसे विद्यार्थियों की मेल पर भेज देंगे। अगर ऑनलाइन निकालना चाहें तो नेशनल अकेडमिक डिपोजिटिरी लॉकर से भी निकाल सकेंगे। इसके अलावा इन सर्विस एमवीएससी या पीएचडी करने आए अभ्यर्थियों को भी अपने विभाग में जाकर पढ़ाई की छूट दी है।

प्रोविजनल डिग्री सर्टिफिकेट के लिए छात्र-छात्राओं को सभी एनओसी देनी होती है। लेकिन कोविड-19 की वजह से यह प्रक्रिया बंद है। छात्र भी यहीं आ सकते। इसलिए उन्हें अंडरटेङ्क्षकग लेकर यह डिग्री ऑनलाइन देने का फैसला लिया गया है। डॉ. त्रिवेणी दत्त, संयुक्त निदेशक (शैक्षणिक), आइवीआरआइ  


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