आरती हत्याकांड : रक्षाबंधन पर शुरू हुई तकरार हत्या तक पहुंची Bareilly News
आरती के अपने भाई को राखी बांधने जाने को कहने पर पति धीरज आग बबूला हो गया था। दोनों के बीच खूब झगड़ा हुआ था। धीरज ने आरती का फोन तक उससे छीन लिया था।
बरेली, जेएनएन : गांधीपुरम में आरती रस्तोगी की हत्या शनिवार को हुई, लेकिन उसकी क्रूर पटकथा रक्षाबंधन पर ही रची जा चुकी थी। आरती के अपने भाई को राखी बांधने जाने को कहने पर पति धीरज आग बबूला हो गया था। दोनों के बीच खूब झगड़ा हुआ था। धीरज ने आरती का फोन तक उससे छीन लिया था। यह बात रविवार को बलरामपुर जिले से शहर पहुंचे मृतका मायके वालों से बातचीत में निकली। वहीं, पुलिस ने आरोपित पति के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया लेकिन उसका सुराग नहीं लगा सकी।
बलरामपुर के अतरौला बाजार की मूल निवासी आरती की पहले पति शिव बहादुर की शराब पीने से मौत हुई थी। उसका एक बेटा कृष्णा मायके में रहता है। डेढ़ साल पहले ही धीरज रस्तोगी से दूसरी शादी हुई थी। धीरज की भी यह दूसरी शादी थी। पिछले महीने उसने डिफेंस कॉलोनी का घर छोड़कर गांधीपुरम में नीरज अग्रवाल के घर में किराये पर कमरा लिया था। यहीं पर आरती के साथ रहने लगा था।
झगड़ा पहले भी होता था, रक्षाबंधन बना काल
आरती के मायके वालों ने बताया कि विवाद तो अक्सर होता था मगर, रक्षाबंधन पर ज्यादा बढ़ गया। धीरज अपनी बहन से राखी बंधवाने जा रहा था। आरती ने कहा कि उसे भी मायके जाने दें। झगड़ा हुआ तब आरती ने कहा कि वह अपनी चार बहनों से राखी बंधवाना छोड़ दे तो खुद भी भाई को राखी नहीं बांधेगी। धीरज ने मारपीट भी की। यह बात आरती ने फोन पर अपने भाई प्रदीप को बताई। उस दिन के बाद तो धीरज ने फोन भी छीन लिया था। दो दिन बात न होने पर मकान मालिक को फोन कर बहन से बात कराने का कहा तब हत्या होने की खबर मिली।
बताया था डिग्री कॉलेज शिक्षक
आरती के भाई प्रदीप ने बताया कि शादी डॉट कॉम में धीरज ने खुद को डिग्री कॉलेज का शिक्षक बताकर शादी का प्रस्ताव दिया। शादी के दो महीने बात पता चला वह प्राइवेट शिक्षक है और उसकी भी पहले शादी हो चुकी है। पहली पत्नी सनराइज कॉलोनी में रहती है। उससे केस चल रहा है, मगर तलाक नहीं हुआ है। धीरज झगड़ालू प्रवृत्ति का था। उसकी अपने माता-पिता से भी नहीं बनती थी। शादी में भी उसका माता-पिता से झगड़ा हुआ था।
गला दबाकर मारा फिर चाकू से था काटा
रविवार को आरती के शव को पोस्टमार्टम हुआ। गला निर्मम तरीके से काटा था। जिससे यह लग रहा था कि हत्यारा गला अलग करना चाहता था। हाथ की दोनों कलाई तो कटी ही थीं पेट के बगल में भी चाकू घोपा था। पोस्टमार्टम के दौरान यह पता चला।
मां का शव देख बिलखा मासूम, नानी ने संभाला
आरती की मां सावित्री देवी ने बताया कि आरती का मासूम बेटा कृष्णा उनके साथ ही रहता है। बलरामपुर में ही कक्षा एक में पढ़ रहा है। मां की मौत की जानकारी कृष्णा को तब लगी जब वह पोस्टमार्टम पहुंचा। मां का शव देख वह बिलख पड़ा।
अप्रैल में अंतिम बार गई थी मायके
मायके वालों ने बताया कि डेढ़ साल में आरती बमुश्किल तीन-चार बार ही मायके आई। वह भी पति लेकर आता था। अप्रैल में वह अंतिम बार धीरज के साथ आई थी। तब पति उसे देवरिया में हाईस्कूल की परीक्षा दिला रहा था।
मां बोली, पुलिस की लापरवाही से आरती की हुई हत्या
आरती की मां सावित्री ने कहा कि धीरज की झगड़ालू प्रवृत्ति के चलते अंदेशा रहता था कि बेटी को कुछ कर न दे। आरती को पति, ससुर व सास दहेज में कार व नकदी के लिए परेशान करते थे। आरती ने कुछ दिन पहले प्रेमनगर थाने में दहेज व मारपीट की शिकायत भी की थी। परिजन का आरोप है कि पुलिस उसी दौरान धीरज पर ठीक कार्रवाई करती तो आरती की हत्या नहीं होती।
आरती पर करता था शक, मकान मालिक के बेटे से भी झगड़ा
मां ने बताया कि धीरज हर बात पर शक करता था। आरती को मोबाइल पर बात नहीं करने देता था। वह आरती पर शक करता था। लोगों की माने तो धीरज ने कुछ दिन पहले मकान मालिक के बेटे से भी झगड़ा किया था। झगड़ा किस बता पर हुआ था उन्हें नहीं पता।
पहले पिता और अब मां का साया उठा
आठ साल का कृष्णा मां का शव देखकर बिलखता रहा। पहले पिता की मौत हो गई। मां के साथ कुछ दिन बरेली में रहा मगर सौतेले पिता के व्यवहार के कारण नानी के घर रहने लगा। वही लोग पाल-पोस रहे थे। फिर भी सहारा था कि मां है। अक्सर वह फोन पर बात कर लेती थी। अब उसके सिर से मां का साया भी उठ गया। नादान तो बस मां का शव देखकर रोए जा रहा था।
तहरीर के आधार पर पति, ससुर व सास के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया है। जल्द ही आरोपित की गिरफ्तारी की जाएगी। - बलवीर सिंह, इंस्पेक्टर प्रेमनगर