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पुलवामा आतंकी हमला : हिंदूवादी संगठनों ने हंगामा कर कश्मीरियों की दुकानें बंद कराई

पुलवामा में हुई आतंकी घटना से आक्रोशित हिंदूवादी संगठन कश्मीरी व्यापारियों के विरोध में उतर आए।

By Edited By: Published: Wed, 20 Feb 2019 12:34 AM (IST)Updated: Wed, 20 Feb 2019 12:45 PM (IST)
पुलवामा आतंकी हमला : हिंदूवादी संगठनों ने हंगामा कर कश्मीरियों की दुकानें बंद कराई
पुलवामा आतंकी हमला : हिंदूवादी संगठनों ने हंगामा कर कश्मीरियों की दुकानें बंद कराई

जेएनएन, बरेली : पुलवामा में हुई आतंकी घटना से आक्रोशित हिंदूवादी संगठन कश्मीरी व्यापारियों के विरोध में उतर आए। अर्बन हाट में चल रहे हस्तशिल्प मेला में पहुंचे और जमकर नारेबाजी करने लगे। दुकानदारों से नोकझोंक की। विरोध से तनातनी बढ़ी तो सिटी मजिस्ट्रेट अशोक शुक्ला पहुंचे। बारादरी थाने से फोर्स बुला ली। कानून-व्यवस्था बिगड़ने की आशंका के चलते उन्होंने दुकानें बंद करने के आदेश दिए। प्रदर्शनकारी तब तक डटे रहे, जब तक देर शाम व्यापारी सामान समेटकर रवाना नहीं हो गए।

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एक फरवरी से चल रहा है मेला

अर्बन हाट में हस्तशिल्प मेला एक फरवरी से चल रहा है। जिसमें कश्मीर से भी 19 दुकानदार आए। आतंकी घटना से पहले तक सबकुछ सौहार्द व मेलजोल के साथ चलता रहा। मंगलवार को कश्मीरी दुकानदारों का पता चलने पर विश्व हिंदू परिषद के महानगर अध्यक्ष दिव्य चतुर्वेदी कई नेताओं व कार्यकर्ताओं साथ मेला में पहुंचे। बजरंग दल के कार्यकर्ता भी आ गए। लोगों ने कश्मीरियों वापस जाओ के नारेबाजी शुरू कर दी।

लगाए आतंकियों की मदद के आरोप

प्रदर्शनकारियों का कहना था कि कश्मीरी पूरे देश में कारोबार कर रुपये कमाते हैं, फिर आतंकियों की मदद करते हैं। फौज पर पत्थर बरसाते हैं। इस पर कश्मीरियों और संगठन के नेताओं के बीच नोकझोंक भी हुई। नेताओं ने सिटी मजिस्ट्रेट से कहा कि कश्मीरियों को दुकान नहीं खोलने देंगे। तब प्रशासन के आदेश पर दुकानें बंद कराई गई और व्यापारियों ने दुकानें खाली कर सामान समेटना शुरू किया। देर शाम इन व्यापारियों के जाने तक प्रदर्शनकारी डटे रहे तो फोर्स भी मुस्तैद रहा।

अायोजकों ने बंद करा दीं दुकानें

सिटी मजिस्ट्रेट अशोक कुमार शुक्ला ने बताया कि हिंदू संगठनों में आक्रोश है। उसके बाद आयोजकों ने कश्मीरी लोगों की दुकानें बंद करा दीं। कश्मीर के लोग अपना सामान ट्रक में लादकर चले गए। वहीं, मेला संचालक अनुज कुमार गुप्ता ने बताया कि पुलवामा की घटना से पहले से कश्मीरियों के स्टॉल लगे थे। हिंदूवादी संगठनों के विरोध पर प्रशासन इन्हें हटा दिया। मैं भी इस बात का समर्थन करता हूं। क्योंकि पुलवामा आंतकी हमले से पूरा देश आहत है। देशवासियों के साथ मैं भी खड़ा हूं। प्रदर्शनी में दुकानें हटने से जो नुकसान हुआ है, वह सैनिकों के शहीद होने से पहुंची क्षति के आगे कुछ भी नहीं है। 

कश्मीरियों पर खुफिया निगाह

पुलवामा हमले के बाद देश में हाईअलर्ट के बीच खुफिया विभाग जिले में सक्रिय है। तमाम कारणों से जिले में आने वाले कश्मीरियों पर खासतौर से निगाह रखी जा रही है। साथ ही धरना प्रदर्शन, श्रद्धांजलि सभा को लेकर भी सतर्कता है। मकसद यह जानना है कि कहीं इसकी आड़ में देश विरोधी गतिविधि को तो अंजाम नहीं दिया जा रहा। तीन साल पूर्व में कोतवाली के आजमनगर में आइएसआइ एजेंट गिरफ्तार हुआ था। इस लिहाज से भी किला, पुराना शहर, आजमनगर में खास निगाहे हैं। सीआरपीएफ जवानों के शहीद होने पर होने वाली श्रद्धांजलि सभा के साथ निकलने वाले एक-एक जुलूस की लिस्ट बनाई जा रही है। शहर में घूमकर सामान बेचने वाले कश्मीरियों का भी ब्योरा एकत्रित किया जा रहा है। खुफिया विभाग अर्बन हार्ट मेले पर भी नजर रखे है, जहां बड़े पैमाने पर कश्मीरी युवकों ने स्टॉल लगाया है। सामान बेचने वाले एक-एक कश्मीरी कि कुंडली खंगाली है। खुफिया विभाग इस दौरान प्रेमनगर की एक महिला की भी डिटेल निकाल रही है। उसके खिलाफ एक शिकायतीपत्र अधिकारियों को दिया गया था, जिसमें उसे स्लीपर सेल का सक्रिय सदस्य बताया गया था।


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