बरेली में सतर्कता के साथ आज से खुलेंगे पांचवीं तक के स्कूल
कोरोना संक्रमण के चलते बंद चल रहे कक्षा एक से पांचवीं तक के स्कूल भी आज से गुलजार होंगे। तमाम सतर्कता और नियमों को ध्यान में रखते हुए स्कूल प्रबंधन ने तैयारियां की हैं। एक सीट पर एक छात्र और एक लाइन छोड़ कर छात्रों को बैठाने का इंतजाम किया गया है।
जागरण संवाददाता, बरेली: कोरोना संक्रमण के चलते बंद चल रहे कक्षा एक से पांचवीं तक के स्कूल भी आज से गुलजार होंगे। तमाम सतर्कता और नियमों को ध्यान में रखते हुए स्कूल प्रबंधन ने तैयारियां की हैं। एक सीट पर एक छात्र और एक लाइन छोड़ कर छात्रों को बैठाने का इंतजाम किया गया है। इसके अलावा हर रोज छात्रों को 30 मिनट संक्रमण से बचाव के टिप्स दिए जाएंगे। अभी स्कूल आनलाइन और आफलाइन दोनों मोड में कक्षाएं संचालित करेंगे।
मंगलवार से स्कूल खुलने पर छात्रों के हाथों को सैनिटाइज्ड किया जाएगा। अभिभावकों से उनके बैग में भी सैनिटाइजर रखने के लिए कहा गया है। स्कूल भेजने के लिए 70 फीसद अभिभावकों के सहमति पत्र मिल चुके हैं। स्कूल प्रबंधन की ओर से भी नन्हें-मुन्नों के स्वास्थ्य की सुरक्षा संग शिक्षा देने की तैयारी पूरी कर ली है।
स्कूलों की त्रिस्तरीय सुरक्षा तैयारी
स्कूलों ने तीन स्तरों पर सुरक्षा की तैयारी की हैं। मास्क पहनकर आने वाले छात्रों को ही प्रवेश दिया जाएगा। थर्मल स्क्रीनिग और सैनिटाइजेशन के बाद ही छात्र क्लास में बैठ सकेंगे। छात्रों के सिटिंग प्लान को भी कोविड नियमों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। इसमें छात्रों के बीच परस्पर दूरी रखी गई है।
एक दिन एक शिक्षक
संक्रमण को ध्यान में रखते हुए हर विषय के लिए अलग शिक्षक नहीं बल्कि एक दिन एक शिक्षक की व्यवस्था की गई है। एक दिन में एक ही शिक्षक सभी विषयों को पढ़ाएगा। इससे बच्चों के संपर्क में ज्यादा लोग नहीं आ सकेंगे।
पढ़ाई के माहौल में ढालने का प्रयास
डेढ़ साल से बच्चे स्कूल से दूर हैं। बच्चे आसानी से स्कूल और पढ़ाई के माहौल में ढल सकें, इसके लिए हर संभव प्रयास किए गए हैं। बच्चों के खेलने के लिए प्ले ग्राउंड को खाली रखा जाएगा। छोटे बच्चों के लिए अलग बाथरूम होगा, जिसमें बड़े छात्रों का प्रवेश वर्जित होगा।
एक से पांचवीं के छात्रों के लगेंगे तीन पीरियड
छोटे बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता भले ही अच्छी होती है, लेकिन स्कूल प्रबंधन का प्रयास होगा कि उनको कम देरी तक ज्यादा लोगों के बीच में रखा जाए। 7:30 से 8:15 तक पहला, 8:20 से 9:05 तक दूसरा और 9:10 से 9:55 बजे तक तीसरा पीरियड लगेगा।
बीएसए ने दिखाई सख्ती
शिक्षकों के साथ ही अन्य कर्मचारी स्कूल खुल जाने के बाद किसी तरह की कोई लापरवाही न करें, इसके लिए बीएसए ने अगस्त में जिले के परिषदीय स्कूलों में कार्यरत 61 शिक्षक, शिक्षामित्र, अनुदेशक व कर्मचारियों की सूची जारी की है, जिनका वेतन रोका गया है। साथ ही बीएसए ने शिक्षकों को नियमित व समय से स्कूल आने के निर्देश दिए हैं।
स्कूल प्रबंधन की बात
एक से पांचवीं तक की आफलाइन कक्षाओं की पूरी तैयारी है। बच्चों की थर्मल स्क्रीनिग होंगी। अभिभावकों को भी वाट्सएप ग्रुप के जरिये स्कूल गतिविधियों से अवगत कराया जा रहा है।
- गुंजन साहनी, प्रधानाचार्य, सोबती पब्लिक स्कूल
बच्चों को दो गज दूरी के साथ बैठाने की व्यवस्था है। सीसीटीवी कैमरों के जरिये निगरानी होगी। बच्चे छोटे है, इसलिए शिक्षकों को बचाव के बारे में बताने के लिए कहा गया है।
- उर्मिला बाजपेयी, प्रधानाचार्य, सेक्रेड हार्ट्स स्कूल
सरकार की गाइडलाइन के अनुसार स्कूल परिसर व कक्षाओं को हर रोज सैनिटाइज्ड किया जाएगा। बदलते मौसम की वजह से अगर बच्चे बीमार हैं तो अभिभावक स्कूल न भेजें।
- युहान कुंवर, प्रधानाचार्य, विद्या भवन स्कूल
समय-समय पर कक्षाओं में जाकर बच्चों के बैठने और पढ़ाई करने का तरीका देखा जाएगा। पानी की बोतल, खाना व अन्य चीजों का आदान-प्रदान न करने के लिए उन्हें समझाया जाएगा।
- आरएस रावत, प्रधानाचार्य, जीआरएम स्कूल
अभिभावकों की बात
कई दिन बाद बच्चे स्कूल जाएंगे। अब तक आनलाइन से जितना संभव हो सका पढ़ाई की। लेकिन, काफी चीजें ऐसी हैं, जो बच्चे भूले हैं। इसलिए बच्चों को स्कूल भेजेंगे।
-अफरीन नाज
आनलाइन पढ़ाई में बच्चों को सीमित ज्ञान मिल सका। अब स्कूल खुलेंगे तो बच्चों को जहां आफलाइन पढ़ाई में बेहतर शिक्षा मिलेगी, वहीं दोस्तों का साथ मिलेगा।
-रचना अवस्थी
स्कूल प्रबंधन की ओर से कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए हर इंतजाम हैं। इसलिए बच्चों को स्कूल भेजने में कोई डर नहीं है। यह उनके भविष्य से जुड़ा मामला है।
-पूनम तोमर
लंबे समय से शिक्षकों के साथ ही दोस्तों से मुलाकात न होने की वजह से बच्चे घर पर रहकर बोर होने लगे थे। मगर, अब उन्हें अच्छा माहौल मिलेगा।
-जूही भसीन
आनलाइन कक्षाओं के दौरान नेटवर्क व इंटरनेट की दिक्कतें बनी हुई थीं। अब शिक्षकों से मिलकर बच्चे अपनी समस्या कर हल कर सकेंगे। इससे बेहतर पढ़ाई होगी।
-दीप्ति अस्थाना
स्कूूल में तो सुरक्षा के इंतजाम होंगे ही साथ ही बच्चों को उनके साथ मास्क व सैनिटाइजर लेकर भेजा जाएगा। स्कूल भेजने में अब किसी तरह की दिक्कत नहीं है।
-नेहा वर्मा
दोस्तों से मिलने के बाद छोटे बच्चे कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं कर सकेंगे। लेकिन आपस में आदान-प्रदान होने वाले लंच पर रोक लगाना मुश्किल होगा।
-हसीब खान
तीसरी लहर की आशंका बनी हुई है। जब तक पूरी तरह से संक्रमण का प्रकोप खत्म नहीं हो जाता। सरकार को स्कूल खोलने में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए।
-कविता
बच्चों के लिए भले ही स्कूल में सारे सुरक्षा के इंतजाम क्यों न हों। लेकिन, बस व टैक्सी में संक्रमण के लिए क्या और कैसी व्यवस्था है इस पर विश्वास करना मुश्किल है।
-मनीष शर्मा
संक्रमण का प्रकोप अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। परिस्थितियां बेहतर होने के बाद ही स्कूल खोलें जाएं। डेढ़ साल से तो पढ़ाई प्रभावित हो ही रही है।
-जितेंद्र श्रीवास्तव