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बरेली में पोस्ट कोविड मेंटल डिसआर्डर के मरीज जता रहे आयुर्वेद पर भराेसा, ले रहे पंचकर्म चिकित्सा का सहारा, जानिए वजह

Post Covid Mental Disorder News कोरोना काल में संक्रमण के बाद पोस्ट कोविड मरीजों में थकान डिप्रेशन हाइपरटेंशनसिरदर्द मेंटल डिसऑर्डर की बीमारियां बढ़ रहीं हैं। इन बीमारियों से जूझ रहे लोग अब आयुर्वेद का सहारा ले रहे हैं।

By Ravi MishraEdited By: Published: Wed, 23 Jun 2021 05:20 PM (IST)Updated: Wed, 23 Jun 2021 05:20 PM (IST)
बरेली में पोस्ट कोविड मेंटल डिसआर्डर के मरीज जता रहे आयुर्वेद पर भराेसा

बरेली, जेएनएन। Post Covid Mental Disorder News : कोरोना काल में संक्रमण के बाद पोस्ट कोविड मरीजों में थकान, डिप्रेशन, हाइपरटेंशन,सिरदर्द, मेंटल डिसऑर्डर की बीमारियां बढ़ रहीं हैं। इन बीमारियों से जूझ रहे लोग अब आयुर्वेद का सहारा ले रहे हैं। एसआरएम आयुर्वेद अस्पताल में पोस्ट कोविड मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। जिन्हें पंचकर्म एवं आयुर्वेद अन्य चिकित्साओं के माध्यम से स्वस्थ बनाया जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि पोस्ट कोविड के मरीजों का रुझान आयुर्वेद चिकित्सा की ओर ज्यादा हो रहा है। ओपीडी में 8 से 10 मरीज रोजाना पहुंच रहे हैं। पोस्ट कोविड मरीजों में भी अलग-अलग बीमारियों से ग्रस्त लोगों पंचकर्म के तहत अलग-अलग चिकित्सा दी जा रही है।

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शीरो धारा चिकित्सा 

कोविड के बाद जिन मरीजों में अवसाद, डिप्रेशन और सिरदर्द, हाइपरटेंशन की समस्या है। तो उनके लिए शीरो धारा चिकित्सा का प्रयोग किया जा रहा है। जिसके तहत मेडीकेटेड काढ़ा, दूध, छाछ को शीरो आटोमेटिक मशीन में दो से तीन लीटर तक भरते हैं। इससे यह हल्का गुनगना होता है। इसे मरीज के सिर पर गिराते हैं। दूसरे पॉट में सिर से होकर गिरता है। रिसाइकिल होता है। इसके बाद फिर से लगभग आधा घंटे यह प्रक्रिया करते हैं। लगभग सात दिन में मरीज को आराम मिलता है ।

रसाइन चिकित्सा 

इस चिकित्सा के तहत कोविड के बाद जिन लोगों में थकान,चक्कर आना, मिचली आना जैसी शिकायत होती है। उसके लिए रसाइन चिकित्सा का प्रयोग कर रहे हैं। जिसके तहत पहले मरीज के शरीर का शोधन किया जाता है। जिसे डीआक्सीफाइड भी कह सकते हैं। इसमें मरीजों को दूध में उबालकर मुन्नका, खजूर खिलायी जाती है। जिससे मरीज को दस्त लगते हैं। यह प्रक्रिया तीन दिन तक की जाती है। इसके बाद मरीज को बड़े कुकुर में पानी गर्म करके पाइप की सहायता से स्टीम देते हैं। लगभग सात दिन की प्रक्रिया के बाद पोस्ट कोविड मरीजों को आराम मिल जाता है।

श्वदेन चिकित्सा

कोरोना से जंग जीतकर आए मरीजों में जोड़ों का दर्द की समस्या के मामले भी ओपीडी में आ रहे हैं। जिसके तहत थोड़ी देर आराम करने या बैठने के बाद मरीजों का उठना दूभर हो जाता है। ऐसे मरीजों के लिए सर्वां,श्वेदन चिकित्सा को लिया जा रहा है। जिसके तहत पहले मरीज को वमन क्रिया कराते हैं। तीन दिन तक वमन क्रिया के बाद श्वदेन चिकित्सा दी जाती है। जिसके तहत मरीज को लिटा लिया जाता है। स्टीमर में मेडिकेटेड तेल मिलाकर स्टीम दी जाती है। इसके बाद कंबल से ढक दिया जाता है। जब मरीजों को पसीना आ जाता है। इसके बाद पंचकर्म के तहत अंडपत्र की पोटली बनाकर उनकी मसाज की जाती है।

आयुर्वेद चिकित्सा का लाभ बहुत ही कम शुल्क में

प्राचार्य डा डीके मौर्य ने जानकारी दी। उन्होंने बताया कि निजी आयुर्वेद अस्पतालों में पंचकर्म चिकित्सा का खर्चा लगभग 10,000 आता है। वहीं एसआरएम में गंभीर मरीजों से प्रतिदिन 50 रुपए शुल्क लिया जाता है। वहीं सामान्य मरीजों से 20 रुपए प्रति दिन के हिसाब से शुल्क लिया जाता है। 30 बेड के अस्पताल में 20 से 25 बेड भरे रहते हैं। कोरोना काल के बाद मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है।

पोस्ट कोविड के मरीज लगातार बढ़ते जा रहे हैं। कोरोना से पहले ओपीडी में 10 से 12 केस आते थे। लेकिन अब यह संख्या 70 से 80 हो गयी है। जिसमें आईपीडी केसेज 15 से 20 होते हैं। इनमें से पोस्ट कोविड 10- 12 होते हैं। जिनका लगातार विभिन्न चिकित्साओं के तहत आधुनिक मशीनों से इलाज किया जा रहा है। सामान्यत: मरीज 7 से 8 दिन में सही हो जाते हैं। तीन सिटिंग दी जाती है। यह निर्भर करता है कि बीमारी किस स्तर पर है। डा शांतुल कुमार गुप्ता एमडी, काय चिकित्सा, प्रभारी पंचकर्म विभाग, एसआरएम राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज एवं चिकित्सालय


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