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CAA Protest Control : काम आई पुलिस की प्लानिंग, मैनेजमेंट और भरोसा Bareilly News

नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देश में हो रहे प्रदर्शन की आंच बरेली तक न पहुंचे इसके लिए एक सप्ताह से प्लानिंग हो रही थी।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Sat, 21 Dec 2019 09:43 AM (IST)Updated: Sat, 21 Dec 2019 05:46 PM (IST)
CAA Protest Control : काम आई पुलिस की प्लानिंग, मैनेजमेंट और भरोसा Bareilly News

जेएनएन, बरेली : नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देश में हो रहे प्रदर्शन की आंच बरेली तक न पहुंचे, इसके लिए एक सप्ताह से प्लानिंग हो रही थी। यहां के बाशिंदों ने भी साथ दिया और प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से निपटा।

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हर कदम प्लानिंग के अनुरूप

माहौल को देखते हुए पुलिस और प्रशासनिक अफसरों का हर कदम प्लानिंग के अनुरूप रहा। आरआरएफ, पीएसी, पुलिस बल और उनके साथ मजिस्ट्रेटों की ड्यूटी ऐसे लगाई गई थी कि कहीं कोई गड़बड़ी न हो सके। हर संवेदनशील और अतिसंवेदनशील स्थान पर उन्हें तैनात किया गया तो जो हर परिस्थिति को संभाल सकें। इस्लामिया मैदान और नौमहला मस्जिद के पास भरोसे के अफसर तैनात थे।

मैनेजमेंट से संभाली स्थिति

आइएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा ने एलान किया था कि वह कलक्ट्रेट तक मार्च करेंगे। लेकिन गुरुवार को सीएम की वीडियो कांफ्रेंसिंग के बाद अधिकारियों ने फिर रणनीति बनाई। अधिकारियों और मौलाना तौकीर की देर रात तक बात होती रही। कई दौर की बातचीत के बाद तय हुआ कि पैदल मार्च के बजाय इस्लामिया मैदान में प्रदर्शनकारी एकजुट होंगे। लोग वहां पहुंचे और शांतिपूर्ण तरीके से वापस हो गए।

जनता में पैठ रखने वाले रहे आगे  

सारे मूवमेंट कोतवाली क्षेत्र में होने थे इसलिए इंस्पेक्टर गीतेश कपिल को क्षेत्र के लोगों से लगातार संवाद करने को कहा गया। इसके अलावा कोतवाली के उन पुलिस कर्मियों को लोगों को शांत रखने की जिम्मेदारी दी गई थी, जिनके आमजन से अच्छे संबंध हैं। इस्लामिया आने वाले हर मार्ग पर इन्हीं पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई।

 कसौटी पर खरा उतरा बरेली शहर

पैदल मार्च के एलान को देखते हुए गुरुवार मध्यरात्रि से ही फोर्स सड़क पर आ गया था। सुबह हुई तो गली, मुहल्ले और बाजारों में आशंकाएं तैर रही थीं। लेकिन शुक्रवार की शाम सुकून लेकर आई। शहर अमन की रवायत को कायम रखने में कामयाब रहा।

सीएए के विरोध के लिए सड़कों पर बड़ी संख्या में लोग उतरे। पुराना शहर और किला की तरफ से हुजूम इस्लामिया मैदान की तरफ आ रहा था। रास्ते में जगह-जगह फोर्स लगाई गई। ज्यादातर दुकानें पहले ही बंद थी, जो खुली थीं, वे भी बाद में खुद बंद कर दी गईं। इस्लामिया मैदान में करीब दो घंटे तक प्रदर्शन चला।

संबोधन के बीच-बीच में वक्ता युवाओं से कहते कि कोई ऐसा काम नहीं करना है, जिससे माहौल खराब हो। किसी को नुकसान नहीं पहुंचाना है। जब प्रदर्शन खत्म हुआ तो मौलाना ने लोगों को यही कहते हुए विदा किया कि जैसे अनुशासित तरीके से आए हैैं, वैसे ही घर पहुंचेंगे। देर शाम भीड़ सकुशल बगैर किसी घटना के सड़कों से पास हो गई।  


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