UP Police: 45 करोड़ की धोखाधड़ी के मामले में मुकदमा दर्ज कर आरोपितों को गिरफ्तार करना भूल गई
30 दिसंबर 2013 को सदर थाने में पुवायां थाना क्षेत्र के छावनी मुहल्ला निवासी मनीष अवस्थी ने धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया था। मामले की जांच आर्थिक अपराध शाखा लखनऊ को सौंपी गई थी। जिसमे 57 लोगों के नाम सामने आने थे लेकिन 15 को जेल भेजा गया।
शाहजहांपुर, जेएनएन। मुकदमा दर्ज कर आरोपितों को गिरफ्तार करने में लापरवाही बरतना तो पुलिस के लिए आम बात हो गई है। लेकिन 45 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी जैसे मामलों को भी गंभीरता स न लेना हर किसी के लिए समझ से परे है। लेकिन सदर पुलिस ने ऐसा ही किया है। कम समय में धन को दोगुना करने का झांसा सात साल पहले एक कंपनी गायब हो गई थी। जिसमे 57 लोगों को आरोपित बनाया गया था। लेकिन अभी तक महज 15 आरोपितों को ही गिरफ्तार किया जा सका।
30 दिसंबर 2013 को सदर थाने में पुवायां थाना क्षेत्र के छावनी मुहल्ला निवासी मनीष अवस्थी ने धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया था। मुकदमा दर्ज होने के बाद मामले की जांच आर्थिक अपराध शाखा लखनऊ को सौंपी गई थी। जिसमे 57 लोगों के नाम सामने आने के बाद भी सदर पुलिस ने आरोपितों को गिरफ्तार करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई थी। ऐसे में अब तक जो 15 आरोपित जेल भेजे गए है उन सभी को विशेष प्रकोष्ठ टीम ने ही गिरफ्तार किया था।
रिकवरी को लेकर नहीं हुए प्रयास
100 से अधिक लोगों से करीब 45 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की पुष्टि होने के बाद भी इस रुपये की रिकवरी के लिए कोई प्रयास नहीं किए गए।
किरकिरी से बचने को मामले को छिपाती है पुलिस
पुलिस यदि कोई भी जिले अच्छा कार्य करती है तो उसकी वाहवाही पाने के लिए खूब प्रचार-प्रसार भी करती है। लेकिन इस मामले में यदि कभी-कभार कोई गिरफ्तारी होती भी है तो स्थानीय पुलिस इस मामले को छिपाने का प्रयास करती है। क्योंकि यह मामला सामने आते ही पुलिस की किरकिरी होना शुरू हो जाती है।
क्या बोले एसपी
जो आरोपित फरार चल रहे है उनकी गिरफ्तारी के लिए प्रयास किए जा रहे है। इसको लेकर संबंधित थानाध्यक्ष को भी निर्देशित किया जाएगा। -एस आनंद, एसपी