ताजिया विवाद के बाद पुलिस ने जिपं सदस्य समेत 36 हमलावरों को किया गिरफ्तार
कलारी के ताजियों को लेकर उठे विवाद में पुलिस पर हमला करने के आरोपितों को फोर्स ने दबिश देकर गिरफ्तार कर लिया है।
जेएनएन, बरेली। कलारी के ताजियों को लेकर उठे विवाद में पुलिस की सख्ती जारी रही। शनिवार को देर रात तक चले हाईवोल्टेज ड्रामे के बाद विधायक को गिरफ्तार करने का इरादा टाल रविवार को पुलिस उमरिया गांव में जा घुसी। घरों में ताबड़तोड़ दबिश मारकर पुलिस पर हमले के आरोपित जिला पंचायत सदस्य समेत 36 लोगों को गिरफ्तार कर लिया।
सावन में कांवड़ यात्रा से शुरू हुआ विवाद शुक्रवार को मुहर्रम पर और भड़क गया था। खजुरिया के ग्रामीण किसी हाल में पड़ोसी कलारी गांव के ताजिये न गुजरने देने पर अड़े थे। इसी के चलते सुबह से ही सड़कों पर उतर आए थे। रास्ते रोक लिए थे। जमकर हंगामा हुआ था। पुलिस ने किसी तरह कलारी के ताजिये तो वहीं दफन करा दिए मगर हंगामा कर रहे खजुरिया वालों पर लाठीचार्ज कर दिया। उसी दिन गांव के 16 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। जबकि उमरिया, जहां ताजिये दफन करने की कोशिश हो रही थी वहां के चार लोग जेल भेजे गए।
--बिगड़े हालात, पुलिस पर किया् हुआ था पथराव
खजुरिया में लाठीचार्ज की सूचना पर भाजपा विधायक पप्पू भरतौल भी मौके पर पहुंचे। पुलिस कार्रवाई का विरोध जताया। बाद में वे लौट गए लेकिन, शाम होते-होते हालात काफी तनावपूर्ण हो गए। कलारी के ताजियों को लेकर मोहनपुर वालों ने नकटिया चौकी के सामने हाईवे जाम कर दिया। इसी दौरान उमरिया के लोगों ने पुलिस पिकेट पर हमला बोल दिया। इंस्पेक्टर, दारोगा समेत कई पुलिस वाले घायल हुए थे।
--विधायक पर कसी नकेल
किसी तरह मामला सुलझने के बाद पुलिस ने पूरे मामले में सख्ती शुरू कर दी। भाजपा विधायक पप्पू भरतौल समेत अलग-अलग करीब 700 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। यही नहीं, भाजपा विधायक की गिरफ्तारी के लिए उनके आवास पर दबिश भी मार दी।
--विधायक पर शिकंजे के बाद बिफरे भाजपाई
जैसे ही विधायक पर मुकदमा और घर पर दबिश की बात पता चली तो भाजपाई भड़क उठे। उनके आवास पर इकट्ठा हो गए। उसके बाद विधायक पप्पू भरतौल समेत आंवला सांसद और अन्य नेता सर्किट हाउस पहुंचे। पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई। इकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाया। कहा कि हाईवे जाम करने वालों पर पुलिस ने क्यों नहीं लाठी चलाई। गिरफ्तार क्यों नहीं किया। बाद में आइजी के आश्वासन पर मामला ठंडा पड़ा।
--सख्ती के संदेश पर भारी फोर्स के साथ मारी दबिश
उधर, शनिवार को तल्ख तेवर दिखाने वाली भाजपा रविवार को शांत रही लेकिन, ऊपर से मिले सख्ती के संदेश पर पुलिस हरकत में बनी रही। एसएसपी के आवास पर रणनीति बनी। इसके बाद एसपी सिटी, एसपी ट्रैफिक, सीओ प्रथम, सीओ थर्ड आदि के साथ पुलिस के हमलावर उमरिया गांव के आरोपितों को पकड़ने का खाका तैयार हुआ। अधिकारियों ने वहां तैनात पुलिस को पहले से ही अलर्ट कर दिया था। शाम करीब साढ़े चार बजे आरएएफ, एसएसबी, पीएसी के साथ अफसर उमरिया गांव में घुस गए। सबसे पहले पुलिस ने जिला पंचायत सदस्य शराफत अली खां को पकड़ा। वह आइएमसी कार्यकर्ता है। फिर एक-एक करके टीमों ने 35 नामजद आरोपित गिरफ्तार दबोच लिए।
--असामाजिक तत्वों ने किया पुलिस पर हमला
एसएसपी मुनिराज जी ने बताया कि मुहर्रम वाले दिन कुछ असामाजिक तत्वों ने पुलिस पर हमला किया। साथ ही माहौल खराब करने की कोशिश की थी। उन्हीं पर कार्रवाई हुई है।