पुरानी बोतलों में टैंक का पानी, अब नहीं बिक सकेगा
स्वच्छता सर्वेक्षण में शर्मसार करने वाली स्थिति के बाद बरेली जंक्शन का हुलिया बदलने की कवायद शुरू हो गई है।
जागरण संवाददाता, बरेली : स्वच्छता सर्वेक्षण में शर्मसार करने वाली स्थिति के बाद बरेली जंक्शन का हुलिया बदलने की कवायद शुरू हो गई है। रविवार को बरेली जंक्शन के प्लेटफार्म पर प्लास्टिक बोतल क्रशिंग मशीन लगा दी गई जिसका उद्घाटन केंद्रीय श्रम एवं रोजगार राज्यमंत्री संतोष गंगवार ने किया। जंक्शन पर मौजूद यात्रियों को प्लास्टिक की खाली बोतलें इधर-उधर फेंकने या कूड़ेदान में डालने की जगह क्रशिंग मशीन में डालने के बाबत जागरूक किया गया। रेलवे को प्लास्टिक बोतल क्रशिंग मशीन शहर के उद्यमी घनश्याम खंडेलवाल ने दी है। साथ ही पुरानी बोतलों में टैंक का पानी भरकर पैकिंग कर बेचने के खेल पर भी लगाम लग सकेगी।
एक लीटर की 50 किलो तक बोतल होती क्रश
करीब सवा तीन लाख रुपये की इस मशीन में एक लीटर तक की खाली बोतल एक बार में पचास किलो तक नष्ट की जा सकती है। बरेली जंक्शन डायरेक्टर मनोज कुमार का कहना है कि हर प्लेटफार्म पर क्रशिंग मशीन लगाने के लिए विभिन्न कंपनियों से बात चल रही है।
ये पहल क्यों जरूरी
रेलवे मंत्रालय के स्वच्छता सर्वेक्षण में बरेली जंक्शन का देश भर में 244वां स्थान था। राजस्व के लिहाज से काफी अच्छा जंक्शन होने के बावजूद ए ग्रेड के जंक्शन को यह स्थान मिलना शर्मसार करने वाला रहा। इस तरह की पहल से जंक्शन की स्वच्छता में इजाफा होने की उम्मीद है। साथ ही मशीन लगने के बाद पुरानी बोतलें में दोबारा पानी भरकर बेचने पर भी लगाम लग सकेगी।
कार्यक्रम में यह थे मौजूद
बीएल एग्रो के एमडी घनश्याम खंडेलवाल, डीआरएम एके सिंघल, सीनियर डीसीएम विवेक शर्मा, बरेली जंक्शन डायरेक्टर मनोज कुमार, सीएमआइ राकेश कुमार सिंह, एसएस ओपी मीना, सीआइटी एके चौबे, सीपीएस एनएन झा, जीआरपी इंस्पेक्टर विजय कुमार, अजय भंट्ट, अंकित सहगल, एएन सिंह, बशीर अहमद आदि।