Pilibhit Tiger Reserve : मानव-वन्यजीव संघर्ष पर भाजपा सांसद बोले- गन्ने की जगह खेतों में लगाएं लेमनग्रास
Human-wildlife conflict in Pilibhit भाजपा सांसद वरुण गांधी ने पीलीभीत टाइगर रिजर्व में मानव-वन्यजीव संघर्ष पर चिंता प्रकट की है।
पीलीभीत, जेएनएन। भाजपा सांसद वरुण गांधी ने पीलीभीत टाइगर रिजर्व में मानव-वन्यजीव संघर्ष पर चिंता प्रकट करते हुए पीटीआर समेत प्रदेश के वन अधिकारियों को अपने सुझाव दिए हैं। सांसद ने कहा कि जंगल किनारे खेतों में गन्ना की बजाय लेमनग्रास, मेंशा और जड़ी-बूटियों की खेती करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से सांसद ने इस संघर्ष से होने वाले नुकसान को बचाने के लिए वाइल्ड लाइफ और जंगल के प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की। जिसमें पिछले छह वर्षों से मानव- वन्यजीव संघर्ष से होने वाले नुकसान पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होनें अपने सुझाव देकर समाधान निकलने का प्रयास किया।
सांसद ने कहा कि जंगल की सीमा से सटे खेतों में गन्ने की फसल जिसमे जानवर जंगल समझकर घुस जाते हैं। इसके लिए किसानों को गन्ने की जगह उससे महत्वपूर्ण और ज्यादा फायदे वाली फसलें जैसे लेमन ग्रास, मेंथा, जड़ी बूटियां आदि की खेती करने को प्रोहत्साहित किया जाए। उन्होंने कहा कि जनहानि बचाने के लिए यह भी बहुत महत्वपूर्ण है कि जंगल के पास गाय, भैंस आदि घरेलू जानवरों को जाने से रोका जाए। जंगल से सटे गांव के लोगों के लिए ज्यादा सब्सिडी वाले गैस सिलेंडर दिए जाएं। उन्होंने कहा कि बडी तादात में फलदार वृक्ष लगाए जाएं। जिससे बंदर आदि जानवर रोड पर जंगल के बाहर न आएं।
सांसद ने यह भी सुझाव दिया कि पीटीआर और दुधवा नेशनल पार्क के बीच किसी स्थान पर हॉस्पिटल की स्थापना भी आवश्यक है। इसके अलावा यह देखा जाना चाहिए कि यदि यहां बाघों की संख्या तेजी से बढ़ रही है तो कौन से ऐसे जंगल हैं, जहां कुछ बाघों को शिफ्ट किया जा सकता है। सांसद ने अपने ये सुुझाव ट््वीटर पर भी दिए हैं। वीडियो कांफ्रेङ्क्षसग से हुई बैठक में प्रमुख रूप से लखनऊ से पीसीसीएफ प्रोजेक्ट टाइगर पीके शर्मा, फील्ड डाइरेक्टर पीटीआर डॉ एच राजमोहन, पीलीभीत डीएफओ पीटीआर नवीन खंडेलवाल, डीएफओ सामाजिक वानिकी संजीव कुमार आदि शामिल रहे।