सोशल मीडिया पर न डालें कुर्बानी की तस्वीरें
अरबी माह जिल्हिज्जा की 10, 11 और 12 तारीख तक कुर्बानी का सिलसिला चलता है।
जागरण संवाददाता, बरेली : दरगाह आला हजरत के सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन रजा कादरी ने कहा कि कुर्बानी हर साहिबे निसाब मर्द-औरत पर वाजिब है। अरबी माह जिल्हिज्जा की 10, 11 और 12 तारीख तक कुर्बानी का सिलसिला चलता है। कुर्बानी हमें दर्स (शिक्षा) देती है कि खुदा की राह में अपने माल को कुर्बान करें। इस्लाम में इस ईद को ईद-उल-अजहा कहा गया है। ईद के मायने हैं, खुशी का दिन और अजहा का मतलब कुर्बानी।
शनिवार को सज्जादानशीन जुहर की नमाज के बाद दरगाह आला हजरत स्थित तहरीक-ए-तहफ्फुज-ए-सुन्नियत के मुख्यालय पर अवाम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अल्लाह की रजा की खातिर खुश दिल होकर कुर्बानी करें। जिस पर कुर्बानी वाजिब है वे हर साल कुर्बानी करें। कुछ लोग एक साल अपने नाम से कुर्बानी करते हैं, दूसरे साल बीवी-बच्चे या दूसरे के नाम से। ऐसा न करें। जिस पर भी वाजिब हो उसके नाम से हर साल कुर्बानी जरूर करें। सोशल मीडिया पर कुर्बानी करते हुई तस्वीर न डालें।
इनकी करें कुर्बानी
कुर्बानी-ऊंट, भैंसा, दुंबा भेड़, बकरे की करना जायज है। ऊंट की उम्र पांच साल, भैंस की दो साल, बकरे की कम से एक साल होनी चाहिए।
गड्ढे में दबाएं खून, वेस्ट
दरगाह से जुड़े नासिर कुरैशी ने सज्जादानशीन के हवाले से बताया कि कुर्बानी का सही तरीका यह है कि बंद जगह में कुर्बानी करें। गड्ढा बनाकर खून व अन्य वेस्ट दफन कर दें। नाली या सड़क पर कतई न डालें। कुछ लोग कुर्बानी के बाद पशु के सींग, खून और अन्य वेस्ट गली, सड़क किनारे डाल देते हैं। ऐसा हरगिज न करें।
ये लोग रहे मौजूद
इस दौरान मुफ्ती रिजवान नूरी, मुफ्ती कफील हाशमी, मुफ्ती सलीम नूरी, आबिद खान, शाहिद नूरी, अजमल नूरी, कामरान खान, एडवोकेट नावेद रजा, हाजी जावेद खान, औरंगजेब नूरी, परवेज नूरी, सय्यद माजिद अली, इशरत नूरी, शान रजा, ताहिर अल्वी, तारिक सईद, मोहसिन रजा आदि मौजूद रहे।