लोगों के बुखार से चढ़ रहा स्वास्थ्य महकमे का ‘पारा’ Bareilly News
अब तक फैल्सीपेरम के 41 सौ से ज्यादा मरीज सामने आ चुके हैं तो वाइवेक्स के मिलाकर 22 हजार से ज्यादा मरीजों की संख्या स्वास्थ्य महकमे ने रिकार्ड की है।
बरेली, जेएनएन : जिले में वायरल फीवर का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। मलेरिया के मरीजों की बढ़ती संख्या से जहां जिम्मेदार चिंतित हैं, वहीं मझगवां सीएचसी क्षेत्र से आने वाले मरीजों की वजह से स्वास्थ्य महकमे के होश उड़ गए हैं।
मझगवां के साथ-साथ भमोरा और राम नगर क्षेत्र भी फैल्सीपेरम, मलेरिया के लिए चिह्नित किया गया है। इन्हीं तीन क्षेत्रों में मरीजों की संख्या पर काबू नहीं हो पा रहा है। मझगवां क्षेत्र में जहां 15 से 20 टीमों को लगाया गया है, वहीं दस से 15 टीमें इन दोनों क्षेत्रों में भी भेजी जा रही हैं। अब तक फैल्सीपेरम के 41 सौ से ज्यादा मरीज सामने आ चुके हैं तो वाइवेक्स के मिलाकर 22 हजार से ज्यादा मरीजों की संख्या स्वास्थ्य महकमे ने रिकार्ड की है।
बढ़ती संख्या को देखते हुए क्षेत्र की सभी एएनएम को मरीजों की देखरेख में लगाया गया है तो आशा वर्करों को भी जिम्मेदारी दी गई है। इसके बाद भी मरीजों की सेहत में ज्यादा सुधार नहीं हो पा रहा है। सीएमओ डॉ. विनीत शुक्ला ने बताया कि मरीजों को बेहतर इलाज दिया जा रहा है। गांव-गांव और घर-घर टीमें जाकर स्वास्थ्य परीक्षण कर रही हैं। बीमारियों की पहचान कर दवा भी दी जा रही है। सबसे ज्यादा मझगवां में फैल्सीपेरम और वाइवेक्स के मरीज मिले हैं। राम नगर और भमोरा में भी मरीजों की संख्या ज्यादा मिली है। काफी हद तक बीमारी पर काबू पाया गया है।
सभी सीएचसी-पीएचसी पर बनेगा मलेरिया क्लीनिक
जिले में बढ़ते मलेरिया के मरीजों की सुविधा के लिए संयुक्त निदेशक मलेरिया ने सभी सीएचसी व पीएचसी पर मलेरिया क्लीनिक खोलने के निर्देश दिए हैं। मलेरिया का प्रकोप तेजी से जिले में फैला है। जनवरी से अब तक मलेरिया के खतरनाक पैरासाइट प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम (पीएफ) के 4100 से अधिक मरीज निकले हैं और प्लाज्मोडियम वाइवेक्स के 21 हजार से अधिक मरीज सामने आए हैं।
मरीजों की सहूलियत के लिए संयुक्त निदेशक (मलेरिया) डॉ. अवधेश यादव ने सभी सीएचसी, पीएचसी में मलेरिया क्लीनिक खोलने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत स्वास्थ्य केंद्र में ही एक कमरे में प्रशिक्षित स्टाफ को बैठाया जाएगा। वहां बुखार के सभी रोगियों को जांच रोगी। मलेरिया के मरीज मिलने पर तत्काल उसका डॉक्टर से इलाज शुरू कराया जाएगा। इसके साथ ही यह स्टाफ मरीज व तीमारदारों को मलेरिया से बचने के प्रति जागरूक भी करेगा। अपने घर के आसपास साफ-सफाई रखने, मच्छरों से बचने आदि के बारे में जानकारी भी देगा।
जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर मलेरिया क्लीनिक खोलने के निर्देश सीएमओ को दिए हैं। इससे मलेरिया के मरीजों की जल्द जांच और इलाज शुरू हो सकेगा। -डॉ. अवधेश यादव, संयुक्त निदेशक (मलेरिया)
अल्ट्रासाउंड केंद्रों के निरीक्षण को 16 से चलेगा अभियान
जिला प्रशासन एक बार फिर भ्रूण हत्या रोकने को सक्रिय हुआ है। जिले में 16 सितंबर से विशेष अभियान चलाकर अल्ट्रासाउंड सेंटरों को चेक किया जाएगा। इसकी रूपरेखा तैयार कर ली गई है। किसी भी केंद्र पर आपत्तिजनक गतिविधि पाए जाने पर उसके संचालक पर कार्रवाई होगी। शासन के निर्देश पर डीएम ने प्रशासनिक अधिकारियों व स्वास्थ्य विभाग के अफसरों के साथ टीमें तैयार की हैं। 16 से 30 सितंबर तक अभियान चलाकर टीमें सभी अल्ट्रासाउंड केंद्रों का निरीक्षण करेंगी।
पीसीपीएनडीटी अधिनियम 1994 के तहत जिले में पंजीकृत व अपंजीकृत सभी केंद्रों में भ्रूण लिंग परीक्षण की स्थिति को चेक किया जाएगा। अगर किसी सेंटर पर भ्रूण लिंग जांच पकड़ में आती है तो उसके खिलाफ सीलिंग की कार्रवाई भी की जाएगी। इसके लिए शहरी क्षेत्र में नगर मजिस्ट्रेट और एसीएमओ डॉ. आरएन गिरि को जिम्मेदारी दी गई है। वह सदर क्षेत्र में एसडीएम सदर, एसीएमओ डॉ. आरएन सिंह को काम सौंपा है। बहेड़ी में एसडीएम और सीएचसी अधीक्षक डॉ. जेपी मौर्या निरीक्षण करेंगे। इसी तरह आंवला में एसडीएम व वहां के सीएचसी अधीक्षक डॉ. राजेंद्र कुमार चेक करेंगे। नवाबगंज, फरीदपुर और मीरगंज में भी वहां के एसडीएम और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अधीक्षक को अल्ट्रासाउंड सेंटरों की जांच को लगाया गया है।