शर्मनाक : पंचायत ने अनुसूचित जाति की किशोरी की अस्मत की कीमत लगाई डेढ़ लाख
पंचायत के फैसले ने मानवीय संवेदनाओं को कुचल डाला। अस्मत की कीमत डेढ़ लाख रुपये मुकर्रर कर उस युवक को बरी कर दिया।
बरेली, जेएनएन : दुष्कर्म का दंश सहने वाली अनुसूचित जाति की एक किशोरी को पंचायत से राहत की आस थी। पंचायत बैठी। आरोपित और पीडि़त पक्ष के लोग भी पहुंचे। पंचायत के फैसले ने मानवीय संवेदनाओं को कुचल डाला। अस्मत की कीमत डेढ़ लाख रुपये मुकर्रर कर उस युवक को बरी कर दिया, जिसने चाकू के बल पर दुष्कर्म किया था। तय किया कि यह रकम आरोपित पक्ष पीडि़ता के परिवार को देगा।
हैरान कर देने वाला यह प्रकरण नवाबगंज के देवरनिया बॉर्डर वाले एक गांव में हुआ। किशोरी अपनी मां और भाई के साथ गांव में रहती है। पिता उत्तराखंड में मजदूरी करते हैं। पड़ोस के एक युवक के घर में देवरनिया क्षेत्र के गांव निवासी सवर्ण जाति के युवक का आना-जाना था। दिवाली के बाद नौ नवंबर को किशोरी की मां भाईदूज के लिए मायके गई थी। किशोरी और उसका भाई घर में ही थे। इसी बीच पड़ोसी युवक उसके भाई को घुमाने के लिए साथ ले गया। पीछे से पड़ोसी युवक का दोस्त किशोरी के घर में घुस आया और चाकू दिखाकर दुष्कर्म किया।
शादी को राजी होने के बाद मुकरा आरोपित
अगले दिन किशोरी ने मां के घर पहुंचने पर उन्हें आपबीती बताई। उसकी मां ने शिकायत की तो बात को दबाने के लिए दोनों पक्षों की पंचायत लगी। पंचायत ने तय किया आरोपित पीडि़ता से शादी करेगा। आरोपित पक्ष ने पंचायत में तो हामी भर दी, लेकिन बाद में बिरादरी आड़े आयी तो डेढ़ माह बाद शादी से इन्कार कर दिया। फिर से पंचायत के पास मामला पहुंचा। इस बार पंचों ने पीडि़ता पर ही डेढ़ लाख में मामला रफा-दफा करने का दबाव डाला है।
पुलिस ने नहीं सुनी, सीओ से गुहार
पीडि़ता की मां ने हलका के दारोगा से शिकायत की। आरोप है कि दारोगा ने पांच दिन तक कोई कार्रवाई नहीं की। तब बुधवार को सीओ से गुहार लगाई। सीओ ने थाना पुलिस को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
सीओ के निेर्देश पर शुरू हुई जांच
पीडि़त पक्ष अब तक थाने नहीं आया है। सीओ के निर्देश पर जांच शुरू कर दी है। मामला रुपये ऐंठने का लग रहा है। जांच में स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। -श्रीकांत द्विवेदी, प्रभारी निरीक्षक नवाबगंज