ऑपरेशन गजराज : बरेली वालों सावधान, आबादी की ओर आ रहे उत्पाती हाथी Bareilly News
नेपाल के जंगलों से उत्तर प्रदेश में घुसे दो जंगली हाथियों का आतंक इन दिनों पीलीभीत से लेकर बरेली में छाया है।
बरेली, जेएनएन। नेपाल के जंगलों से उत्तर प्रदेश में घुसे दो जंगली हाथियों का आतंक इन दिनों पीलीभीत से लेकर बरेली में छाया है। शासन-प्रशासन ने मादा हाथियों के साथ- साथ पांच राज्यों की टीम को रेस्क्यू के लिए बुलाया है। जिले में दो लोगों की जान ले चुके नेपाली हाथी अब शहर की ओर बढऩे लगे हैं। इससे वन विभाग के अधिकारियों की चिंता बढ़ गई है।
रविवार को दोनों दिनरा मिर्जापुर में थे। वहां से करीब 25 किमी चलकर सोमवार को शहर की सीमा से सटे केशोपुर गांव के जंगल में पहुंच गए। दोपहर एक बजे दोनों ने शंखा नदी पार कर हाईवे का रुख कर लिया। वहां खेत में पुरुष आकार में लगा पुतला देखकर दोनों नदी पार कर वापस लौट गए। चूंकि, नदी में पानी बेहद कम है, इसलिए हाथियों ने दो बार नदी पार की।
अब अंतिम विकल्प का इस्तेमाल किया जाएगा। दोनों हाथियों को बेहोश करने की तैयारी कर ली गई है। संभव है कि मंगलवार को ऐसा कर दोनों को वाहन के जरिये नेपाल सीमा तक छोड़ दिया जाएगा। अभी तक वन विभाग की टीमें इस कोशिश में लगी थीं कि हाथी खुद ब खुद पीलीभीत के रास्ते नेपाल तक चले जाएं। मगर हाथी पीलीभीत के बजाय बरेली शहर की ओर बढ़ते जा रहे हैं।
कई प्रदेशों से आई टीमें
वन विभाग के बरेली, लखनऊ के अधिकारियों के साथ-साथ छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, असोम, देहरादून के एक्सपर्ट भी निगरानी में लगे हुए हैं। इसके बावजूद हाथियों को वापस पीलीभीत के रास्ते पर भेजने में सफलता नहीं मिली।
बेहोश करेंगे, मगर बारिश न हो
हाथियों को शहर की ओर बढ़ता देखकर अब अधिकारियों के पास उन्हें बेहोश करने का अंतिम विकल्प बचा है। असोम से एक्सपर्ट केके शर्मा अपनी टीम के साथ पहुंच गए हैं। यदि मौसम सही रहा तो मंगलवार को दोनों हाथियों को टैंक्यूलाइज किया जा सकता है।
रास्ता बंद किया, पास स्थित कॉलेज में दहशत
जहां पर हाथियों का डेरा है, वहां से कुछ ही दूरी पर एएनए मैनेजमेंट कॉलेज है। पुलिस ने सुरक्षा की दृष्टि से शंखा नदी के पुल पर आवाजाही बंद करा दी। एसडीएम मीरगंज रोहित यादव, थाना प्रभारी राजकुमार तिवारी, एएसएसआइ सुजाउर रहीम ने लोगों को हाथियों के पास नहीं जाने दिया।
हाथियों ने 4 को मारा, लगानी पड़ी पीएसी
नेपाल के ये जंगली हाथी जब पीलीभीत और बरेली में घुसे तो तमाशबीन सेल्फी लेने लगे। पीलीभीत से बरेली के बीच तीन लोगों को दोनों हाथी कुचल चुके हैं। वहीं बहेड़ी में हाथियों को काबू करने के दौरान एक वन कर्मी को जान गंवानी पड़ी। वन विभाग के अफसर बता रहे हैं कि पहली बार रास्ता भटकर जंगल से बाहर आए ये हाथी जब आसपास लोगों को शोर करते देखते हैं तो क्रोधित हो जाते हैं।
दो हफ्ते से उत्तराखंड से यूपी तक आतंक
नेपाल के जंगलों से आए दोनों हाथियों ने 27 जुलाई से यूपी के बरेली को अपना ठिकाना बनाया है। इससे पहले पीलीभीत और उत्तराखंड की सीमा में उनका मूवमेंट था। बरेली के बहेड़ी, शीशगढ़, शाही, मीरगंज और फतेहगंज पश्चिमी के जंगलों में कभी हाथी भटकते हैं तो कभी कस्बों के नजदीक पहुंच जाते हैं। बहेड़ी के एक वन कर्मी सहित तीन अन्य लोगों को मार चुके हैं। बरेली शहर के नजदीक का मामला होने के कारण स्थानीय प्रशासन भी हाथियों को लेकर चिंतित है। नेपाल से घुसे हाथियों ने पहले उत्तराखंड की सीमा में उत्पात मचाया था, फिर वहां से पीलीभीत होते हुए बरेली पहुंचे।