Traffic Rules : सिर्फ हेलमेट पर जोर, फर्राटा भरने वाले बेलगाम Bareilly News
पॉश इलाकों में तेज रफ्तार के शौकीन किस तरह खुद व दूसरों की जिंदगी खतरे में डाल रहे। स्कूलों की छुट्टी के वक्त और शाम को कार-बाइक सवार रेस करते हैं।
बरेली, जेएनएन : सिविल लाइंस का पॉश इलाका जहां डीआइजी कार्यालय भी है। पंद्रह दिन पहले रिटायर्ड मैनेजर मुनेंद्र कुमार गुप्ता शाम को टहलने निकले थे। डीआइजी कार्यालय से चंद्र कदम दूरी पर तेज रफ्तार कार सवार युवक ने उन्हें कुचल दिया। उनकी मौत हो गई थी। इसी तरह रविवार की शाम को तीन छात्र बाइक पर सवार होकर फर्राटा भर रहे थे। जगह वही...डीआइजी ऑफिस के पास। इस बार सामने वाला कोई चपेट में आता, इससे पहले चालान से बचने की कवायद में तीनों छात्र दीवार से जा भिड़े।
ये उदाहरण हैं कि पॉश इलाकों में तेज रफ्तार के शौकीन किस तरह खुद व दूसरों की जिंदगी खतरे में डाल रहे। स्कूलों की छुट्टी के वक्त और शाम को, कार-बाइक सवार रेस करते हैं। दूसरी ओर पुलिस सिर्फ हेलमेट और ट्रिपिंग में चालान काटन में व्यस्त है। तेज रफ्तार में अभी तक एक भी चालान नहीं हुआ।
इन सड़कों पर बाइकर्स के झुंड
कैंट के बिशप कोनराड स्कूल वाली रोड, कंपनी गार्डन से डीआइजी आफिस वाली रोड, अक्षर विहार से बरेली क्लब वाली रोड, डीडीपुरम, एकता नगर शहर।
साइलेंसर से कांप उठता है इलाका
कैंट में बैंक आफ बड़ौदा के पास रहने वाले लोग बताते हैं कि शाम को यहां कुछ कार व बाइकों में इस कदर साइलेंसर लगे होते हैं कि पूरा इलाका गूंज उठता है। कमरों में अंदर सो रहे बच्चे तक जाग जाते हैं। यह लोग काफी तेज गति से गाड़ी चलाते हैं।
सर्किट हाउस तिराहे पर हो स्पीड ब्रेकर: दीपक दास
सिविल लाइंस में रहने वाले दीपक दास रोजाना शाम को टहलने कंपनी गार्डन आते हैं। उन्होंने बताया कि शाम को सड़क पर इस कदर तेजी से नौजवान बाइक ले जाते हैं कि अगर कोई भूले से चपेट में आ गया तो जान गई समझो। उन्होंने बताया कि डीआइजी आवास के आगे सर्किट हाउस तिराहे पर स्पीड ब्रेकर होने चाहिए जिससे स्पीड पर लगाम लगे।
डर लगता है सड़क पर चलने में: अरोड़ा
सिविल लाइंस में कचहरी के पास रहने वाले एके अरोड़ा भी रोजाना शाम को टहलने कंपनी गार्डन आते हैं। उन्होंने बताया कि शाम को इस कदर तेजी से लोग इस रोड पर बाइक से गुजरते हैं कि सड़क पर चलने से डर लगता है। जब से रिटायर्ड बैंक मैनेजर के साथ हादसा हुआ है तब से और ज्यादा डर लगता है। सड़क पर घोड़े भी खड़े रहते हैं। इन्हें हटाया जाना चाहिए।
पुलिस छात्रों पर करे सख्ती: सुरेन्द्र नरायण
रामपुर गार्डन में रहने वाले सुरेन्द्र नरायण अग्रवाल का कहना है कि नई उम्र के छात्र बाइकों पर फर्राटा भरते हैं। जबकि अब तो कानून भी सख्त हो गया है। ऐसे में पुलिस इन छात्रों पर सख्ती करे। तीन-चार सड़कों को चिन्हित कर दोनों तरफ पुलिस खड़ी करके चेकिंग की जानी चाहिए। तीन-चार दिन की सख्ती के बाद अभिभावक खुद ही नाबालिगों को बाइक नहीं देंगे।
सिपाही नहीं, दारोगा ही कर सकता है चेकिंग
रविवार को अक्षर विहार के पास हादसे में घायल बाइक सवार छात्रों का कहना था कि एक सिपाही ने उनका पीछा करने की कोशिश की। बचने के चक्कर में बाइक की स्पीड बढ़ा दी जिससे हादसा हुआ। नियमों को देखें तो सिविल पुलिस में इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर ही वाहन का चालान कर सकते हैं। सिपाही नहीं।
यह है चालान की प्रक्रिया
अब ई चालान हो रहे हैं। इसके तहत चालान करने वाला पुलिसकर्मी आपके वाहन की नंबर प्लेट का फोटो खींचेगा। नंबर प्लेट आते ही उसके मोबाइल में डाउनलोड एप से गाड़ी के बारे में पूरी जानकारी आ जाएगी। आरसी, इंश्योरेंस आदि के बारे में जानकारी हो जाएगी। ऐसे में अगर आप हेलमेट नहीं लगाए हो या आपके पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं है तो वह आपका चालान काट देगा। चालान कटते ही आपके मोबाइल में मैसेज आएगा। साथ ही यह ट्रैफिक पुलिस के साफ्टवेयर में पहुंच जाएगा। वहां जाकर आपको जुर्माना अदा करना होगा।