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31 दिसंबर तक बन जाएंगे वंचितों के शौचालय

गांव-गांव स्वच्छ भारत अभियान चलाकर जिले को ओडीएफ किया गया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 14 Nov 2018 07:29 PM (IST)Updated: Thu, 15 Nov 2018 02:27 AM (IST)
31 दिसंबर तक बन जाएंगे वंचितों के शौचालय

जेएनएन, बरेली : गांव-गांव स्वच्छ भारत मिशन अभियान चलाकर जिले को ओडीएफ किया गया। फिर भी हजारों ग्रामीणों के यहां शौचालय नहीं बने हैं। दैनिक जागरण के प्रश्न पहर में जब सीडीओ व डीपीआरओ पहुंचे तो ग्रामीणों ने उनसे अधूरे पडे़ को पूरा कराने के साथ वंचितों ने अपने यहां शौचालय मांगा। जिस पर सीडीओ ने कहा, बेस लाइन सर्वे में जो लाभार्थी चिन्हित किए गए थे उनके यहां शौचालय बनवाए गए हैं। इनमें से कुछ के यहां निर्माण चल रहा। अब वंचितों के यहां शौचालय बनवाने का सर्वे शुरू हो चुका है। 31 दिसंबर तक इनके यहां भी निर्माण पूरा करा दिया जाएगा। सवाल : चौराहों पर सामुदायिक शौचालय नहीं होने से लोगों को परेशानी उठानी पड़ती है। तहसील में भी बना शौचालय गंदा रहता है। (राजेंद्र सब्बरवाल, नवाबगंज)

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जवाब : यह नगर पालिका के अधिकार क्षेत्र में आता है। फिर भी संबंधित अधिकारियों को समस्या से अवगत कराकर समाधान कराया जाएगा।

सवाल : ग्राम में कई लोगों के यहां सरकारी मदद से शौचालय बने लेकिन हमारे यहां नहीं बना। (अमरसिंह, जगमनपुर, मझगवां)

जवाब : जो वंचित रह गए हैं। उसका सर्वे कराया जा रहा है। जल्द ही सूची में नाम शामिल हो जाएगा। सवाल : स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय निर्माण में अनियमितता बरती गई। कुछ जगह गड्ढे में शौचालय बनवा दिए हैं। पुराने को नया दिखाया गया है। गांव में 116 बनने थे लेकिन 30-35 के यहां नहीं बने हैं। (सचिन गंगवार, ग्राम पंचायत पिपौली)

जवाब : मामले की जांच कराई जाएगी। अधूरे शौचालयों को जल्द पूरा कराया जाएगा। सवाल : पिता से अलग रहते हैं फिर भी हमारा नाम शौचालय निर्माण की पात्रता सूची में शामिल नहीं किया। गांव में गंदगी भी पसरी है। (इस्लाम, ग्राम पंचायत दुनका)

जवाब : जिन घरों में शौचालय नहीं थे उनको लाभान्वित कराया गया। वंचितों के सर्वे में पात्र पाए जाने पर अब नाम शामिल करा दिया जाएगा। गांव में सफाई के लिए कर्मचारियों को निर्देश दिए जाएंगे। सवाल : गांव में पति-पत्‍‌नी सफाई कर्मी हैं लेकिन कभी आते नहीं हैं। अपने स्थान पर दूसरे को रखा है। शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं हुई। (विक्की, ग्राम पंचायत बरौर, नवाबगंज)

जवाब : अपनी जगह दूसरे से काम कराना नियम विरूद्ध है। जो व्यक्ति सफाईकर्मी की जगह काम कर रहा है उसका फोटो भेजिए, कार्रवाई होगी। सवाल : गांव की गलियों में सफाई नहीं है। घर के बाहर पानी भरा रहता है। (राजवीर, ग्राम पंचायत राजपुर कला, मझगवां)

जवाब : गांव के सफाईकर्मियों से जवाब तलब किया जाएगा। जल्द पानी की निकासी कराकर सफाई कराई जाएगी। सवाल : ब्लॉक ओडीएफ हो गया लेकिन गांवों में अभी शौचालय तक नहीं बने हैं। (इरशाद, ग्राम पंचायत मनौना, रामनगर)

जवाब : बुखार पीड़ित गांवों में समस्या आई। अधूरे पडे़ शौचालय बनवाए जा रहे हैं। जो बेस लाइन सर्वे-2011 की पात्रता सूची में शामिल नहीं थे। ऐसे वंचितों का अब सर्वे कराया जा रहा है। सवाल : गांव में कई लोगों के यहां शौचालय बने लेकिन हमारा घर छोड़ दिया गया। (चेतना, नकटिया ग्राम पंचायत मोहनपुर, बिथरी)

जवाब : अब वंचितों का सर्वे शुरू हो गया है। परेशान ना हों, नोडल अधिकारी घर-घर पहुंचकर वंचितों की तलाश कर रहे हैं। समस्या आए तो पंचायत व ब्लॉक स्तर पर अधिकारियों से मिलें। समाधान नहीं होने पर विकास भवन आकर शिकायत दर्ज कराएं। सवाल : कई महीनों से चक्कर लगा रहे हैं। फिर भी शिकायत का समाधान नहीं हो सका हैं। जांच अधिकारी रिपोर्ट नहीं भेज रहे हैं। (अरविंद पटेल, ग्राम पंचायत त्रिकुनिया, बिथरी)

जवाब : शिकायत की जांच जिला कृषि अधिकारी कर रहे हैं। उनसे जांच रिपोर्ट मांगी जाएगी। सवाल : धान ब्रिकी केंद्रों पर समर्थन मूल्य क्या है। किसानों को फसल का वाजिब मूल्य नहीं मिल पा रहा। कहां ब्रिकी करें जहां सही दाम मिले। (सलमान, नवाबगंज)

जवाब : सरकार ने 1740-1750 रुपये धान का समर्थन मूल्य घोषित किया है। यदि किसान चाहें तो मंडी में अधिक मूल्य पर ब्रिकी कर सकते हैं। सवाल : जिला ओडीएफ हो गया है लेकिन जमीनी हकीकत इतर है। शौचालय बनने के बाद भी ग्रामीणों ने जंगल जाना नहीं छोड़ा है। गांवों की सड़कों पर खुले में शौच जारी है। अपात्रों को भी लाभान्वित किया गया है। (राजीव, ग्राम गुरगवा मुस्तकिल, मझगवां)

जवाब : लोगों की सोच बदलने के बाद ही ओडीएफ अभियान सफल हो सकता है। रैली, नुक्कड़ नाटक व अन्य माध्यमों से जागरूकता लाने का प्रयास किया जा रहा है। अपात्रों के यहां निर्माण की जांच कराई जाएगी। आप भी स्वच्छताग्राही बनकर प्रशासन की मुहिम का हिस्सा बने तो परिणाम बेहतर होंगे।


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