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Rohilkhand University News : रुविवि में अब एक ही दिन होंगे पीएचडी दाखिले से जुड़े सारे काम

महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय पीएचडी दाखिले की व्यवस्था में बड़ा बदलाव करेगा। अब नेट जेआरएफ उत्तीर्ण और नेशनल फेलोशिप वाले अभ्यर्थियों को साल में दो बार पीएचडी दाखिले का मौका दिया जाएगा। यह परीक्षा जनवरी और जुलाई में कराने की तैयारी है।

By Sant ShuklaEdited By: Published: Wed, 25 Nov 2020 09:37 AM (IST)Updated: Wed, 25 Nov 2020 11:36 AM (IST)
Rohilkhand University News : रुविवि में अब एक ही दिन होंगे पीएचडी दाखिले से जुड़े सारे काम
सामान्य टेस्ट के जरिए प्रवेश लेने वालों के लिए वर्तमान व्यवस्था के तहत जुलाई में मौका दिया जाएगा।

अखिल सक्सेना

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बरेली, जेएनएन।  महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय पीएचडी दाखिले की व्यवस्था में बड़ा बदलाव करेगा। अब नेट जेआरएफ उत्तीर्ण और नेशनल फेलोशिप वाले अभ्यर्थियों को साल में दो बार पीएचडी दाखिले का मौका दिया जाएगा। यह परीक्षा जनवरी और जुलाई में कराने की तैयारी है। वहीं, सामान्य टेस्ट के जरिए प्रवेश लेने वालों के लिए वर्तमान व्यवस्था के तहत जुलाई में मौका दिया जाएगा। इसके अलावा रिजल्ट आने के बाद दाखिले की प्रक्रिया भी एक ही दिन में ही पूरी की जाएगी। जिससे शोधार्थियों को दौड़ न लगानी पड़े। जल्द ही कुलपति इसकी कार्य योजना तैयार कराएंगे।

रुहेलखंड विश्वविद्यालय से सम्बद्ध 548 महाविद्यालय संचालित हैं। इनमें 20 विषयों में पीएचडी की करीब 455 सीटे हैं। इनमें हर साल दाखिले के लिए जुलाई में प्रवेश प्रक्रिया शुरू होती है। पिछले कई साल से दाखिले की व्यवस्था भी पटरी से उतरी है। इसी वजह 2019 की प्रक्रिया में नेट जेआरएफ और फेलोशिप वाले अभ्यर्थियों के प्रवेश भी अटके हुए हैं। जिससे उनका नुकसान हो रहा है। अब ऐसे अभ्यर्थियों के लिए साल में दो बार पीएचडी दाखिले की तैयारी है।

एक ही दिन में इंटरव्यू, एडमिशन

कुलपति प्रो. केपी सिंह ने बताया कि पीएचडी दाखिले में अभ्यर्थियों को परेशान न होना पड़े, इसके लिए एक ही दिन दाखिले की प्रक्रिया पूरी कराने की योजना है। यानी जिस दिन रिजल्ट जारी होगा, उसी दिन इंटरव्यू, एडमिशन और थीसिस का टॉपिक तय हो जाएगा। जिससे अभ्यर्थी समय से अपना कोर्स वर्क शुरू कर सकेंगे।

ऑनलाइन फीस और थीसिस जमा करने की सुविधा

फीस लेकर थीसिस जमा करने की प्रक्रिया भी ऑनलाइन  कराने की योजना है। इसके लिए नया सॉफ्टवेयर तैयार किया जाएगा। यह भी सुविधा होगी कि यदि कोई शोधार्थी अपनी थीसिस का परीक्षण किसी विदेश के परीक्षक से कराना चाहेगा तो उसकी सुविधा भी दी जाएगी। ऑनलाइन परीक्षक भी अलॉट किए जाएंगे। कुलपति ने बताया कि इसको लेकर पूरी योजना तैयार की जा रही है। जल्द फाइनल होगा।


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