बरेली में कोरोना की दहशत से खाली रही ओपीडी, चिकित्सकों ने कमरों में देखे मरीज
जिला अस्पताल की ओपीडी (वाह्य रोगी विभाग) शुरू तो बुधवार को ही हो गई थी लेकिन यहां चिकित्सक नहीं बैठ रहे हैं।
बरेली, जेएनएन। जिला अस्पताल की ओपीडी (वाह्य रोगी विभाग) शुरू तो बुधवार को ही हो गई थी लेकिन यहां चिकित्सक नहीं बैठ रहे हैं। बुधवार की तरह ही गुरुवार को भी चिकित्सकों ने अपने कक्ष में ही मरीजों को देखा। गुरुवार को जिला अस्पताल में कुल 369 मरीज पहुंचे। जिन्हें थर्मल स्क्री¨नग के बाद ही ओपीडी तक जाने दिया गया। वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. वागीश वैश्य कमरा नंबर 30 में बैठकर मरीज देख रहे थे। कई मरीज शारीरिक दूरी का ध्यान नहीं दे रहे थे। इस पर चिकित्सक ने खुद बाहर आकर मरीजों को शारीरिक दूरी बनाए रखने के प्रति आगाह किया।
जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एके गौतम ने बताया कि ओपीडी में गुरुवार को 369 मरीज आए। सभी मरीजों की थर्मल स्क्री¨नग की गई। शारीरिक दूरी का पालन करते हुए कुछ विभागों और ओपीडी के कुछ कमरों में मरीजों को देखने की व्यवस्था की गई थी। आने वाले दो-तीन दिनों में मरीजों की संख्या बढ़ेगी इसके लिए इंतजाम किए जा रहे हैं।
बताया कि अभी आने वाले मरीजों में हड्डी रोग, नेत्र रोग, डायबिटीज आदि से पीड़ितों की संख्या अधिक है। ट्रू-नॉट मशीन से भी हो रही जांच डॉ. एके गौतम ने बताया कि ट्रू नॉट मशीन से गुरुवार तक 64 मरीजों की जांच की जा चुकी है। गुरुवार को 15 मरीजों की जांच की गई। इस मशीन से कोरोना के संदिग्ध मरीजों की जांच की जाती है। इसकी जांच रिपोर्ट तीन घंटे के अंदर मिल जाती है जिससे आगे इलाज करना आसान होता है।
ईएमओ नहीं देख रहीं मरीज, स्टाफ का हंगामा
महिला अस्पताल में इमरजेंसी मेडिकल अफसर (ईएमओ) और स्टाफ के बीच कई दिनों से चल रही खींचतान गुरुवार को खुलकर सामने आ गई। लेबर वार्ड और एएनसी में भर्ती होने वाले मरीजों को देखने में ईएमओ लगातार हीलाहवाली कर रहीं थीं। वह स्टाफ नर्स और अन्य जूनियर डॉक्टरों को ही गर्भवती महिलाओं को देखने को कह देतीं। गुरुवार को स्टाफ ने इसका विरोध किया। इस पर जमकर हंगामा हुआ।
गुरुवार को को जब स्टाफ के कर्मचारियों ने ईएमओ डॉ. शशि गौतम की कार्यशैली विरोध किया तो उन्होंने एक स्टाफ नर्स के साथ अभद्रता करते हुए अपशब्द कह दिए। स्टाफ नर्स रोते हुए सीएमएस के पास पहुंची और शिकायत की। इसके बाद सीएमएस डॉ. अलका शर्मा ने उस नर्स को तो दोबारा वहां नहीं जाने दिया, लेकिन ईएमओ कक्ष का माहौल गर्म ही रहा। कुछ ही देर बात ईएमओ ने कुछ दिन पूर्व ही ज्वाइन करने वाली एक नर्स से कुछ बातें कह दी।
सीएमएस के सामने ही लगे आरोप स्टाफ नर्सो, वार्ड आया आदि ने सीएमएस से ईएमओ पर उनके सामने ही कई आरोप लगाए। बताया कि जब से कोरोना शुरू हुआ है तब से भर्ती होने वाली गर्भवती महिलाओं को नहीं देख रही हैं। नर्सों ने कहा कि ऐसे में मरीज को अगर कोई दिक्कत आएगी तो जिम्मेदार कौन होगा? आरोप लगाया कि ईएमओ ड्यूटी के दौरान ज्यादातर समय घर में ही रहती हैं। हंगामा बढ़ने की जानकारी मिलने पर सीएमएस डॉ. अलका शर्मा ने मौके पर पहुंच कर सभी को शांत किया।
नर्स मुझ पर घर से काम करने का आरोप लगा रही हैं। जबकि यह गलत है। अस्पताल में इतने काम होते हैं जो घर से मुमकिन ही नहीं। जो भी महिलाएं भर्ती होती हैं पीपीई किट, ग्लब्स, मास्क आदि पहनकर उन्हें उपचार दिया जाता है। कोरोना के डर से न देखने की बात भी गलत है। - डॉ. शशि गौतम, ईएमओ
यहां सभी परिवार की तरह रहते हैं। ईएमओ और स्टाफ के बीच में गलतफहमी हो गई थी। सभी को साथ बैठाकर समझा दिया गया है। अब सब ठीक है। -डॉ. अलका शर्मा, सीएमएस, महिला अस्पताल