शाहजहांपुर में नमामि गंगे योजना के गांव में पकड़ा गया नौ लाख का घोटाला Shahjahanpur News
गंगा को अविरल निर्मल बनाने के लिए शुरू की गई नमामि गंगे योजना में ही गंदगी मिली है। कलान ब्लाक के चार में से तीन नमामि गंगे के गांव में प्रथम चरण में नौ लाख का ओडीएफ घपला सामने आया
शाहजहांपुर, जेएनएन : गंगा को अविरल निर्मल बनाने के लिए शुरू की गई नमामि गंगे योजना में ही गंदगी मिली है। कलान ब्लाक के चार में से तीन नमामि गंगे के गांव में प्रथम चरण में नौ लाख का ओडीएफ घपला सामने आया है। दैनिक जागरण में खबर प्रकाशित होने के बाद शुरू हुई जांच में प्रशासन ने 75 अपात्रों के नाम शौचालय स्वीकृत होने का मामला पकड़ा है। हैरत की बात यह रही कि प्रधान व सचिव ने ग्राम निधि से लाभार्थियों के खाते में शौचालय की धनराशि भेजने के बजाय कुछ फर्मों के नाम भेज दी तथा कुछ धनराशि खुद ही निकाल कर खर्च कर ली। सीडीओ महेंद्र सिंह तंवर ने जागरण की खबर का संज्ञान लेकर जिला विकास अधिकारी सतीश प्रसाद मिश्र को कलान तथा उपायुक्त मनरेगा हसीब अंसारी को मिर्जापुर का जांच अधिकारी नामित किया।
अभिलेखों की पड़ताल के बाद गांव पहुंचे डीडीओ : जिला विकास अधिकारी सतीश प्रसाद ने गुरुवार दोपहर कलान ब्लाक में नमामि गंगे के गांव के अभिलेख देखे। इसके बाद नमामि गंगे के चारों गांव देखे। हेतमपुर में 30, मोहनपुर में 23 तथा जहानाबाद में 22 अपात्रों के नाम से शौचालय स्वीकृत मिले। डीडीओ ने इन शौचालय की रकम को ग्राम निधि में खाते में जमाकर डीपीआरओ को वापस किए जाने के निर्देश दिए हैं।
83.76 लाख की भेजी गई धनराशि : नमामि गंगे परियोजना के तहत जनपद में गंगा नदी के किनारे की 6 ग्राम पंचायतों 12 गांव को आदर्श बनाने के लिए विशेष बजट आवंटित किया गया। कलान की चार व मिर्जापुर ब्लाक की दो ग्राम पंचायतों को पूरी तरह ओडीएफ बनाने के लिए 698 नए शौचालय स्वीकृत किए गए। 2956 शौचालय पूर्व से बने हैं। गंगा यात्र से पूर्व ही इन गांवों में शौचालय निर्माण के लिए 83 लाख 76 हजार की धनराशि भेज दी गई। प्रधान व सेक्रेटरी ने खातों में धनराशि न भेजकर फर्माें के माध्यम से 75 शौचालय की धनराशि में घपला कर लिया।
नमामि गंगे के गांवों की जांच शुरू कर दी गई है। एत्तमाद चक में सभी 21 शौचालय पूर्ण मिले हैं। हेतमपुर में 30, मोहनपुर में 23 तथा जहानाबाद खमरिया में 22 अपात्रों के नाम शौचालय स्वीकृत कर दिए गए। शौचालय की धनराशि किसके नाम आहरित हुई है, इसके लिए बैंक स्टेटमेंट मांगा गया है।
सतीश प्रसाद मिश्र, जिला विकास अधिकारी एवं जांच अधिकारी