निदा खान आज दारूल इफ्ता से मांगेंगी शौहर शीरान को इस्लाम से खारिज करने का फतवा
इलाहाबाद हाईकोर्ट के मीडिएशन सेंटर में निदा खान को बगैर हलाला के अपनाने की लिखित रजामंदी देकर उनके शौहर रहे शीरान रजा खां घिर गए हैं। निदा खान ने उनके इस कदम को गैर शरई बताते हुए बुधवार को दारूल इफ्ता से फतवा मांगने की बात कही है।
बरेली, जेएनएन : इलाहाबाद हाईकोर्ट के मीडिएशन सेंटर में निदा खान को बगैर हलाला के अपनाने की लिखित रजामंदी देकर उनके शौहर रहे शीरान रजा खां घिर गए हैं। निदा खान ने उनके इस कदम को गैर शरई बताते हुए बुधवार को दारूल इफ्ता से फतवा मांगने की बात कही है। दारूल इफ्ता के साथ तस्लीम मियां, शहर इमाम मुफ्ती खुर्शीद आलम, मुफ्ती मुहम्मद अफजाल रजवी को शीरान रजा खां का लिखित रजामंदी पत्र भेजेंगी। इस मांग के साथ कि उन्होंने जो रजामंदी जताई, क्या उनकी यह मंशा शरीयत की रोशनी में जायज है या नाजायज? अगर नाजायज है तो जैसे मुझे इस्लाम से खारिज करने का फतवा जारी किया गया, ठीक वैसे ही शीरान रजा का बहिष्कार कर उन्हें भी इस्लाम से खारिज किया जाना चाहिए। अगर दस दिन में दारूल इफ्ता से फतवा नहीं मिला, तो वह मारहरा शरीफ से फतवा मांगेंगी। इंसाफ के लिए देशभर की सुन्नी खानकाहों पर दस्तक देंगी।
मुझे साजिशन इस्लाम से खारिज किया
निदा खान का आरोप है कि उन्हें साजिशन इस्लाम से खारिज करने का फतवा दिया गया। क्योंकि शीरान रजा के खिलाफ धारा 498 के केस में 25 जून 2018 को चार्जशीट दाखिल हो गई थी। गिरफ्तारी से बचने के लिए मुझे इस्लाम विरोधी ठहराया जाने लगा। इसकी शुरुआत 13 जुलाई से हुई। पहले मुझे भीड़ ने घेरा। अभद्रता की। इसके बाद दरगाह पर एक प्रेस कांफ्रेंस में मुझे चेतावनी दी गई। फिर जामा मस्जिद से जुमे की नमाज में मेरे खिलाफ एलान हुआ और 17 जुलाई को फतवा लेकर इस्लाम से खारिज करने की प्रेस कांफ्रेंस कर दी गई। यानी सप्ताह भर में मुझे इस्लाम से खारिज कर दिया गया। यह एक रणनीति के तहत हुआ। ताकि समाज मेरे खिलाफ हो जाए। पुलिस-प्रशासन दबाव में आ जाए और वह कार्रवाई से बच जाएं। मगर अब उन्होंने जो गैर शरई काम किया है, समाज जान चुका है कि यह अपने हिसाब से शरीयत का इस्तेमाल करते हैं।
हलाला प्रकरण के बाद फतवा
जुलाई 2018 में निदा खान ने गढ़ी क्षेत्र की एक महिला के ससुर के साथ हलाला के खिलाफ आवाज उठाई थी। इस मामले में निदा पर शरीयत के खिलाफ बोलने के आरोप लगे और फतवा जारी हुआ। मंगलवार को ससुर संग हलाला कराने वाली पीडि़ता भी निदा खान की प्रेस कांफ्रेंस में मौजूद हुईं। उन्होंने कहा कि मेरी लड़ाई लडऩे पर निदा खान को इस्लाम से खारिज करने का फतवा दिया गया। अब उलमा-ए-कराम इनके मामले में भी इंसाफ करें।
दुनिया भर में फतवे की आलोचना
निदा खान के खिलाफ एक फतवा जारी हुआ। जिसे लिखा था कि वह बीमार पड़ जाएं तो कोई देखने न जाए। मर जाएं तो दफनाने के लिए कब्रिस्तान में दो गज जमीन न दी जाए। उनसे हर तरह के रिश्ते तोड़ लिए जाएं। यह फतवा देश-विदेश की सुर्खियां बना और कड़ी आलोचना हुई।
स्पीड पोस्ट करेंगी सवाल
निदा खान ने कहा कि वह अपने सवाल उलमा-ए-कराम को स्पीड पोस्ट से भेजेंगी। क्योंकि मेरी कानूनी लड़ाई को शरीयत से जोड़ दिया गया था। अब मैं भी शरीयत की रोशनी में ही उनके किए पर जवाब मांगूंगी। उम्मीद है कि मुझे भी जवाब मिलेगा।