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बाकरगंज में कूड़े का पहाड़ और धधका, संकट में शहर की हवा

बाकरगंज के करीब सात मीट्रिक टन ऊंचे कूड़े के पहाड़ में धधक रही आग अभी तक शांत नहीं हुई है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 14 Nov 2018 08:00 AM (IST)Updated: Wed, 14 Nov 2018 08:00 AM (IST)
बाकरगंज में कूड़े का पहाड़ और धधका, संकट में शहर की हवा

जेएनएन, बरेली : बाकरगंज के करीब सात मीट्रिक टन ऊंचे कूड़े के पहाड़ में धधक रही आग अभी तक शांत नहीं हुई है। एक हफ्ता होने को है, आग का दायरा धीरे-धीरे बढ़ रहा है। बड़े इलाके में कूड़ा फैला होने के कारण, उसे बुझाना मुश्किल बना हुआ है। हालात इस कदर बिगड़ रहे हैं कि पूरे शहर की हवा पर संकट मंडरा ने लगा है। फिलहाल आसपास के लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है। पर्यावरण एक्सपर्ट बताते हैं कि यही हाल रहा तो स्मॉग का खतरा भी गहरा जाएगा। स्थिति को देखते हुए केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड और नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) भी सक्रिय हुआ है। पर्यावरण विज्ञानी के जरिये प्रदूषण की माप कराई जा रही है, जिसका आकलन करने के बाद पता लगाया जाएगा कि आग से आबोहवा किस स्तर तक प्रभावित हो रही है।

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नौ नवंबर को लगाई थी आग

दिवाली के बाद नौ नवंबर को कुछ लोगों ने बाकरगंज में कई जगह कूड़े के ढेर में आग लगा दी थी। कई मीट्रिक टन कूड़ा पड़ा होने के चलते आग एक-दो नहीं बल्कि कई जगह फैल चुकी है। इलाकाई लोग बताते हैं कि कूड़े से उठने वाले धुएं के चलते सांस लेने में भी दिक्कत हो रही है। वहीं, स्मॉग का खतरा भी दोगुना हो गया है।

प्लांट के दावे, आग को भूले

बाकरगंज में कूड़ा निस्तारण के लिए नगर निगम प्लांट लगाने का दावा कर रहा है। कुछ काम भी हुआ है लेकिन, हाल फिलहाल में धधक रही आग को लेकर वह गंभीर नहीं है। यह आलम तब है, जब पिछले दिनों खुद नगर आयुक्त ने कूड़े की निगरानी के लिए हर वक्त एक कर्मी लगाने का दावा किया था। बावजूद लोगों ने फिर आग लगा दी।

बाकरगंज में जलाए कूड़े के बाद वहां के प्रदूषण की रीडिंग बुधवार को होगी। हम पता करेंगे कि हवा में सल्फर डाई ऑक्साइड (एसओ-2), नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड (एनओ-2) की मात्रा कितनी है। सभी रीडिंग लेने के बाद रिपोर्ट एनजीटी और केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड को भेजी जाएगी।

- प्रो.डीके सक्सेना, को-ऑर्डिनेटर, एयर मॉनीट¨रग प्रोग्राम


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