NGT ने बढ़ाई बरेली के डीएम की चिंता, कहीं स्कूल के पास फिर न चलने लगे बायाेमेडिकल वेस्ट प्लांट
बायो मेडिकल निस्तारण के मामले में कई अनियमितता बरतने के मामले में इनविराड बायो मेडिकल वेस्ट प्लांट करीब डेढ़ साल पहले बंद हुआ था। परसाखेड़ा इंडस्ट्रियल एरिया से सटे ट्यूलिया गांव किनारे बने प्लांट को फिर से खोलने की कवायद शुरू हुई तो मामले की शिकायत एनजीटी तक पहुंची।
बरेली, जेएनएन। बायो मेडिकल निस्तारण के मामले में कई अनियमितता बरतने के मामले में इनविराड बायो मेडिकल वेस्ट प्लांट करीब डेढ़ साल पहले बंद हुआ था। परसाखेड़ा इंडस्ट्रियल एरिया से सटे ट्यूलिया गांव किनारे बने प्लांट को फिर से खोलने की कवायद शुरू हुई तो मामले की शिकायत नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) तक पहुंची। एनजीटी ने जिलाधिकारी बरेली और उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से पास स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल से दूरी की पैमाइश करने को कहा। जिसके बाद डीएम के आदेश पर एक टीम निरीक्षण के लिए मौके पर पहुंची।
13 फरवरी को एनजीटी में पहुंची थी शिकायत
इसी साल इनविराड बायोमेडिकल वेस्ट प्लांट दोबारा खोलने की तैयारी की शिकायत 13 फरवरी को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की नई दिल्ली स्थित प्रमुख बेंच तक पहुंची थी। इसमें बताया गया था कि बिना एन्वायरमेंटल क्लियरेंस (ईसी) की एप्लीकेशन के प्लांट खोला जा रहा है। इसी पर एनजीटी ने इसी साल 25 मार्च को जिलाधिकारी को भौतिक निरीक्षण के आदेश दिए थे।
बबल एरिया में होना चाहिए प्लांट
बताया जाता है कि नियमानुसार बायो मेडिकल वेस्ट के प्लांट से 500 मीटर परिधि के अंदर कोई शिक्षण संस्थान, धार्मिक स्थल या रिहायशी एरिया नहीं होना चाहिए। शिकायत में इस बबल एरिया के अंदर ही स्कूल बताया गया है। इसी का भौतिक निरीक्षण कर डीएम द्वारा बनाई गई कमेटी रिपोर्ट देगी। वहीं, इलाकाई लोगों का कहना है कि प्लांट को औद्योगिक क्षेत्र के अंदर दिखाया जा रहा है। जबकि यह इससे महज सटे इलाके में है। हकीकत में यह इससे बाहर है।