नामांतरण नहीं आसान, तीन सौ मामले लंबित
नगर निगम कार्यकारिणी समिति ने अपनी बैठक के एजेंडे में नामांतरण शुल्क बढ़ाने का प्रस्ताव तो रख लिया है, लेकिन इससे लोगों को किस हद तक सुविधा मिल पाएगी, यह अभी तय नहीं है।
जागरण संवाददाता, बरेली : नगर निगम कार्यकारिणी समिति ने अपनी बैठक के एजेंडे में नामांतरण शुल्क बढ़ाने का प्रस्ताव तो रख लिया है, लेकिन इससे लोगों को किस हद तक सुविधा मिल पाएगी, यह अभी तय नहीं है। वजह नगर निगम में संपत्ति का नामांतरण आसान नहीं है। मौजूदा समय में भी निगम में करीब तीन सौ नामांतरण के मामले लंबित चल रहे हैं। उन्हें एनआइसी की वेबसाइट पर अपलोड नहीं किया जा सका है।
संपत्ति खरीदने या फिर पिता व अन्य से अपने नाम कराने के लिए नामांतरण की प्रक्रिया है। नियमों के हिसाब से चलें तो अधिकतम 45 दिन में आवेदन करने वाले का नामांतरण कर दिया जाना चाहिए। इसके लिए अब तक मात्र पांच रुपये फीस थी। इसमें तीस दिन संपत्ति के खरीदार व विक्रेता की आपत्ति के लिए भी रखे गए हैं। मात्र 45 दिन की यह प्रक्रिया महीनों चलती है। किसी न किसी बिंदु पर आवेदनकर्ता को फंसा लिया जाता है। अब नगर निगम कार्यकारिणी समिति नामांतरण शुल्क बढ़ाने का प्रस्ताव बैठक में पास करने की तैयारी में है। पांच रुपये से बढ़ाकर शुल्क पांच हजार रुपये किया जा रहा है। ऐसे में सवाल यही है कि कई गुना शुल्क लगाने के बावजूद क्या निगम लोगों को सुविधाएं भी देगा। करीब तीन सौ मामले फंसे
शहर में करीब एक लाख 42 हजार मकान हैं। नगर निगम ने कुछ समय पहले अपने सारे रिकार्ड सरकारी एनआइसी की वेबसाइड से जोड़ लिए हैं। इधर, वेबसाइट नहीं चलने के कारण कई दिनों से नामांतरण को उस पर डालने का काम नहीं हो पा रहा है। शहर में करीब तीन सौ ऐसे मामले हैं, जो एनआइसी की वेबसाइट पर अपलोड नहीं हो पा रहे हैं। इस कारण आवेदनकर्ता नगर निगम के चक्कर लगाकर परेशान हो रहे हैं। वर्जन--
नामांतरण के कुछ मामले एनआइसी की वेबसाइट पर अपलोड नहीं हो पा रहे हैं। उन्हें अपलोड करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित कर दिया गया है।
-ईश शक्ति कुमार सिंह, अपर नगर आयुक्त