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मुशायरे की सजी महफिल, शिक्षकों और छात्रों ने पेश किए कलाम

इस्लामियां गर्ल्स इंटर कॉलेज में पैगंबर इस्लाम का यौमे विलायद मनाया गया। इस मौके पर मुशायरे की महफिल सजी जिसमें शिक्षकों और छात्रों ने अपने अपने कलाम पेश किए।शिक्षिका नसरीन शमसी ने कहा कि नबी ने कभी किसी दूसरे धर्म के मानने वालों से नफरत नहीं की।

By Ravi MishraEdited By: Published: Sun, 15 Nov 2020 04:50 PM (IST)Updated: Sun, 15 Nov 2020 04:50 PM (IST)
महफिल का आगाज मेहर फातिमा ने क़ुरान की सुरह रहमान से किया।

 बरेली, जेएनएन।   इस्लामियां गर्ल्स इंटर कॉलेज में पैगंबर इस्लाम का यौमे विलायद मनाया गया। इस मौके पर मुशायरे की महफिल सजी, जिसमें शिक्षकों और छात्रों ने अपने अपने  कलाम पेश किए। वहीं  नबी की सीरत पर रोशनी भी डाली। शिक्षिका नसरीन शमसी ने कहा कि नबी ने कभी किसी दूसरे धर्म के मानने वालों से नफरत नहीं की, अगर इंसान मोहम्मद साहब की दूसरे मजहबों का सम्मान करने वाली तालीमात से वाकिफ हो जाए तो कोई भी इंसान एक दूसरे के मजहब का अपमान नहीं करेगा। 

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महफिल का आगाज मेहर फातिमा ने क़ुरान की सुरह रहमान से किया। हदीस हज्जन शमीम कुरैशी ने बयान की। महफ़िल की सदारत इस्लामियां की पूर्व प्रवक्ता निगार इक़बाल ने करते हुए कहा पैगम्बरे इस्लाम का किरदार दुनिया ए इंसानियत के लिए मशअले राह है। अगर इंसान मोहम्मद साहब की तालीम को अपनाएं तो समाज की बुराई का खात्मा हो सकता है। मेहर फातमा ने इस्लाम में औरतों के हुकूक के बारे में रोशनी डाली। 

प्रोग्राम का संचालन शाजिया इरफान ने किया। आखिर में इस्लामियां गर्ल्स की प्रिंसिपल चमन जहां ने कहा कि इस्लामियां में हर साल सीरते नबी पर जलसा मुनकिद करने का मकसद सिर्फ यह है कि हम नबी पाक के बताए रास्तों पर अमल करें।


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