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Municipal council : बर्ड हिट के खतरे से जागे अधिकारी, अड़ंगा बनने वालों पर दिए कार्रवाई करने के आदेश Bareilly News

शहर में कूड़ा बड़ी समस्या बनता जा रहा है। वायुसेना के अधिकारी विमानों के लिए बर्ड हिट का खतरा जता चुके हैं। घरों से कूड़ा उठाने की योजना बनी मगर खींचतान में फंस गई।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Wed, 20 Nov 2019 08:37 AM (IST)Updated: Wed, 20 Nov 2019 01:51 PM (IST)
Municipal council : बर्ड हिट के खतरे से जागे अधिकारी, अड़ंगा बनने वालों पर दिए कार्रवाई करने के आदेश Bareilly News
Municipal council : बर्ड हिट के खतरे से जागे अधिकारी, अड़ंगा बनने वालों पर दिए कार्रवाई करने के आदेश Bareilly News

जेएनएन, बरेली : शहर में कूड़ा बड़ी समस्या बनता जा रहा है। वायुसेना के अधिकारी विमानों के लिए बर्ड हिट का खतरा जता चुके हैं। घरों से कूड़ा उठाने की योजना बनी मगर खींचतान में फंस गई। जिस पर नगर आयुक्त ने पत्र लिखकर नगर निगम कार्यकारिणी व बोर्ड को इसका जिम्मेदार ठहराया तो कमिश्नर भी सख्त हो गए। कहा कि योजना क्रियान्वयन में अड़ंगा बनने वालों पर कार्रवाई करेंगे।

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खीचतान में कभी फंसता है प्रस्ताव, तो कभी बजट

नगर निगम में अफसरों पर जनप्रतिनिधियों के बीच लंबे समय से खींचतान चली आ रही है। जिस कारण कभी प्रस्ताव फंस जाते तो कभी बजट। शहर के सभी 80 वार्डों में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन योजना लागू करने के लिए नगर निगम करीब तीन महीने पहले टेंडर कर चुका है। टेंडर होने के बाद बजट के लिए बोर्ड की बैठक में प्रस्ताव लगाया लेकिन प्रस्ताव पास नहीं हो सका। इस कारण काम शुरू नहीं हो पा रहा है। इसी वजह से कई मुहल्लों और सड़क किनारे कूड़ा बिखरा पड़ा रहता है। नगर आयुक्त सैमुअल पॉल एन ने सोमवार को जो पत्र कमिश्नर रणवीर प्रसास को भेजा, उसमें लिखा कि निगम कार्यकारिणी व बोर्ड की वजह से योजना लागू नहीं हो पा रही।

अनुबंध खत्म, फिर भी एजेंसी कर्मचारी उठा रहे कूड़ा

शहर में जनवरी 2018 तक हरी-भरी कंपनी के पास डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन का काम था। उस वक्त तक करीब आधे वार्डों में योजना चल रही थी। नगर निगम ने अपने रिक्शे कूड़ा कलेक्शन को दिए हुए थे। अधिकारियों के ढीला पढऩे के कारण धीरे-धीरे योजना दम तोड़ती गई। फिर कंपनी का अनुबंध खत्म कर दिया गया, जिसके बाद कुछ मुहल्लों में प्राइवेट कर्मचारी सक्रिय हो गए। प्राइवेट कर्मचारियों ने आपसी साठगांठ से मुहल्लों की कमान संभाल ली। गली-मुहल्लों में घरों से कूड़ा लेते रहे।

करोड़ों रुपये खर्च होने के बाद भी नहीं दिख रहा काम

नगर निगम में हर साल करोड़ों रुपये सिर्फ सफाई व्यवस्था के नाम पर खर्च होता है। फिर भी काम दिखाई नहीं दे रहा है। सबसे अधिक रकम कूड़ा उठाने वाले वाहनों में डीजल के लिए खर्च होती है। मौजूदा वर्ष में डीजल के लिए 5.50 करोड़ रुपये का बजट था, जिसमें से करीब चार करोड़ खर्च हो चुका है। वाहनों की मेंटीनेंस पर भी लाखों रुपये खर्च होते हैैं। इसके अलावा आउटसोर्सिंग पर करवाए जाने वाले कामों, प्राइवेट चालकों, सरकारी कर्मचारियों के वेतन आदि में भी मोटी रकम खर्च होती है।

मनमानी मे जनता से दोगुना वसूलने लगे यूजर चार्ज

अनुबंध के बावजूद निजी एजेंसी के कर्मचारी शहर से कूड़ा उठा रहे। चूंकि नए सिरे से योजना लागू नहीं हो सकी, इसलिए एजेंसी को काम व रेट भी तय नहीं हो सके। दूसरी ओर बिना अनुबंध कूड़ा उठा रहे कर्मचारियों ने मनमानी शुरू कर दी। पिछली बार नगर निगम ने प्रति घर पचास रुपये शुल्क तय किया था मगर वे सौ रुपये वसूल रहे।

प्राइवेट कर्मचारियों को नगर निगम से मिल रहा सहयोग

मुहल्लों में अपने स्तर से कूड़ा उठाने का काम कर रहे प्राइवेट कर्मचारियों को नगर निगम का भी सहयोग मिल रहा है। सरकारी कर्मचारी भी उनके साथ हैैं। अधिकारी भी यह मान रहे है कि जितना भी सही कूड़ा उठाया तो जा रहा है। वर्ना कूड़ा सड़क किनारे या फिर खाली प्लाटों में ही फेंका जाता। इसी कारण सबकुछ जानते हुए भी प्राइवेट कर्मचारियों से रिक्शे नहीं लिए जा रहे हैैं।

डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन के लिए तीन महीने पहले टेंडर हो चुके हैैं, लेकिन बजट के अभाव में योजना शुरू नहीं हो पा रही। शहर में प्राइवेट कर्मचारी कुछ जगह काम कर रहे हैैं। उनसे रिक्शे हटाने पर व्यवस्था और बिगड़ जाएगी।

- संजीव प्रधान, नगर स्वास्थ्य अधिकारी  


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