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बरेली में बिना अनफिट घोषित कराए दो ट्रैक्टर भी नगर निगम ने किए नीलाम

नगर निगम के जलकल विभाग के कारनामों की पोल धीरे-धीरे खुल रही है। उन्होंने कबाड़ के साथ ही दो ट्रैक्टर भी नीलाम किए हैं। इन ट्रैक्टरो को परिवहन विभाग से अनफिट घोषित भी नहीं कराया गया। कार्यकारिणी समिति के सदस्यों ने मुख्यमंत्री तक मामले की शिकायत भेजी है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 06 Dec 2021 08:28 PM (IST)Updated: Mon, 06 Dec 2021 08:28 PM (IST)
बरेली में बिना अनफिट घोषित कराए दो ट्रैक्टर भी नगर निगम ने किए नीलाम
बरेली में बिना अनफिट घोषित कराए दो ट्रैक्टर भी नगर निगम ने किए नीलाम

जागरण संवाददाता, बरेली: नगर निगम के जलकल विभाग के कारनामों की पोल धीरे-धीरे खुल रही है। उन्होंने कबाड़ के साथ ही दो ट्रैक्टर भी नीलाम किए हैं। इन ट्रैक्टरो को परिवहन विभाग से अनफिट घोषित भी नहीं कराया गया। कार्यकारिणी समिति के सदस्यों ने मुख्यमंत्री तक मामले की शिकायत भेजी है।

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जलकल विभाग में वर्षों से पड़ा लोहे आदि का कबाड़ नीलाम करने के लिए कुछ समय पहले ई-टेंडर के जरिये निविदाएं निकाली गईं। अधिकारियों ने पहले दिल्ली की एक टीम ने सामान का मूल्यांकन कराया। उसके आधार पर कबाड़ का मूल्य करीब 25 लाख रुपये आंका गया। इसके बाद दो निविदाओं पर ही सारा सामान मात्र 32 लाख रुपये में नीलाम कर दिया गया। कार्यकारिणी समिति के सदस्यों ने इसका विरोध किया। उप सभापति संजय राय, पार्षद कपिल कांत सक्सेना, राजकुमार गुप्ता आदि ने आरोप लगाया कि 25 हजार से ऊपर की धनराशि के लिए नगर निगम कार्यकारिणी या बोर्ड की अनुमति होना जरूरी है। नगर निगम नियमावली के अनुसार नगर आयुक्त को धारा 129(2) के तहत 500 रुपये तक की चल संपत्ति की बिक्री का अधिकार है। उन्होंने करीब एक करोड़ रुपये का कबाड़ 32 लाख में नीलाम करने का आरोप लगाया। कहा, मात्र दो निविदाओं पर ही कबाड़ नीलाम कर दिया गया, जबकि तीन निविदाएं जरूरी होती हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कबाड़ में दो ट्रैक्टर भी नीलाम कर दिए गए, जबकि उन्हें परिवहन विभाग से अनफिट नहीं घोषित कराया गया। उन्होंने अधिकारियों की मनमानी और नियमों की अनदेखी किए जाने की शिकायत मुख्यमंत्री, नगर विकास मंत्री समेत आला अफसरों से की है।

वर्जन

जलकल स्टोर में अन्य कबाड़ के साथ ही दो ट्रैक्टर भी थे। सभी का एक साथ मूल्यांकन कराया गया। इसके बाद ई-टेंडरिग के माध्यम से नीलामी कराई गई है, जिसमें 25 फीसद अधिक रकम निगम को मिली है।

आरके यादव, जलकल महाप्रबंधक


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