'करोड़ों का मल्टी स्पेशियलिटी बन रहा, कोई डिस्पेंसरी नहीं'
जिला अस्पताल में ओपीडी को लेकर लगने वाली भीड़ को समाधान की कोशिश की जा रही है।
बरेली (जेएनएन): जिला अस्पताल में ओपीडी को लेकर लगने वाली भीड़ को देखते हुए अस्पताल प्रशासन ने कुछ दिन पहले शासन से अलग ओपीडी खोलने की अनुमति मांगी थी। विकल्प के तौर पर मानसिक अस्पताल की जमीन पर बन रहे मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल के बने हिस्से का सुझाव भी दिया गया था। हालांकि, जिला अस्पताल प्रशासन का यह सुझाव शासन को नागवार गुजरा। जवाब मिला कि करोड़ों रुपये की लागत से मल्टी स्पेशियलिटी हॉस्पिटल बनाया जा रहा है, कोई डिस्पेंसरी नहीं। जो वहां से दवाइयां बांटना शुरू कर दें। शासन की ओर से इस जवाब के बाद फिलहाल जिला अस्पताल की ओपीडी शिफ्ट करने की योजना सिरे नहीं चढ़ सकी है। मानसिक अस्पताल की जमीन पर बन रहे मल्टी स्पेशियलिटी हॉस्पिटल निर्माण का करीब 25 से 30 फीसद काम बाकी है। इस पर करीब 15 करोड़ रुपये खर्च आना है। बजट शासन की ओर से रुका है। इन विशेष सुविधाओं का अभी इंतजार
गैस्ट्रोलॉजी, गैस्ट्रोसर्जरी, हड्डी एवं जोड़ रोग, बाल एवं शिशु रोग, प्लास्टिक सर्जरी, बर्न वार्ड, न्यूरो सर्जरी, कॉर्डियोलॉजी, जनरल मेडिसिन जैसे करीब दो दर्जन सुविधाओं से लैस डिपार्टमेंट मल्टी स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में बनने हैं। यह मिला जवाब
शासन से जवाब मिला कि करोड़ों रुपये की लागत से मल्टी स्पेशियलिटी हॉस्पिटल बनाया जा रहा है, यह कोई डिस्पेंसरी नहीं। जो वहां से दवाइयां बांटना शुरू कर दें। शासन की ओर से इस जवाब के बाद फिलहाल जिला अस्पताल की ओपीडी शिफ्ट करने की योजना सिरे नहीं चढ़ सकी है। वर्जन----
मल्टी स्पेशियलिटी हॉस्पिटल से ओपीडी शुरू कराने की अनुमति मांगी गई थी। हालांकि बिल्डिंग पूरी तरह तैयार होने से पहले किसी तरह की शुरूआत करने से शासन ने मना कर दिया है।
-डॉ.विनीत कुमार शुक्ल, सीएमओ, बरेली