सांसद वरुण गांधी ने पीएम मोदी को भेजा पत्र, कहा- एमएसपी और अन्य मुद्दों पर भी हो तत्काल निर्णय
MP Varun Gandhi पीलीभीत से भाजपा सांसद वरुण गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीन कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की घोषणा का स्वागत किया है। साथ ही एमएसपी पर कानून बनाने की मांग और अन्य मुद्दों पर भी अब तत्काल निर्णय लिए जाने की मांग की है।
बरेली, जेएनएन। MP Varun Gandhi : पीलीभीत से भाजपा सांसद वरुण गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीन कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की घोषणा का स्वागत किया है। साथ ही एमएसपी पर कानून बनाने की मांग और अन्य मुद्दों पर भी अब तत्काल निर्णय लिए जाने की मांग की है। सांसद पिछले कुछ समय से किसानों के मुद्दों को लेकर लगातार सक्रिय रहे हैं। सांसद ने शनिवार को ट्वीट करके कृषि कानूनों की वापसी का घोषणा का स्वागत करने के साथ ही प्रधानमंत्री को भेजा अपना पत्र भी साझा किया है।
पत्र में MP Varun Gandhi ने कहा है कि तीन कृषि कानूनों के निरस्तीकरण और फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की वैधानिक गारंटी की मांग को लेकर पिछले एक साल से किसानों का विशाल आंदोलन देश भर में चल रहा है। आपने बड़ा दिल दिखाते हुए इन कानूनों को निरस्त करने की घोषणा की है। उसके लिए साधुवाद देते हुए सांसद ने कहा कि एक साल में अत्यंत कठिन परिस्थितियों में धरना देते हुए इस आंदोलन में सात सौ से ज्यादा किसानों की जान चली गई। यह निर्णय पहले ही ले लिया जाता तो इतनी बड़ी जनहानि नहीं होती।
MP Varun Gandhi ने आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए उनके स्वजन को एक-एक करोड़ रुपये का मुआवजा भी दिया जाए। आंदोलन के दौरान किसानों को प्रताड़ित करने के लिए जितनी भी फर्जी एफआइआर दर्ज हो गई हैं, उन्हें तत्काल निरस्त किया जाना चाहिए। सांसद ने कहा कि किसानों की दूसरी मांग एमएसपी को कानूनी रूप से बाध्यकारी बनाने से संबंधित है। देश में 85 फीसद से ज्यादा छोटे, लघु और सीमांत किसान हैं। इन किसानों के सशक्तिकरण के लिए फसलों का लाभकारी मूल्य दिलवाना सुनिश्चित करना होगा।
MP Varun Gandhi का कहना है कि यह आंदोलन इस मांग के निस्तारण के बिना समाप्त नहीं होगा। किसानों में एक व्यापक रोष बना रहेगा। किसानों को एमएसपी की वैधानिक गारंटी मिलना अत्यंत आवश्यक है। एमएसपी भी कृषि लागत मूल्य आयोग के सी-2 प्लस-50 फीसद के आधार पर होनी चाहिए। कहा कि राष्ट्र हित में सरकार को इस मांग को भी तत्काल मान लेना चाहिए। इससे किसानों को बहुत बड़ा आर्थिक सुरक्षा चक्र मिल जाएगा। प्रधानमंत्री को भेजे पत्र में सांसद ने यह भी कहा कि वरिष्ठ पदों पर बैठे कई नेताओं ने आंदोलनरत किसानों को लेकर बहुत ही व्यथित करने वाले बयान दिए हैं।
इन बयानों और किसान आंदोलन के प्रति अब तक अपनाए गए उपेक्षापूर्ण रवैये का ही नतीजा है कि विगत तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में पांच किसानों की गाड़ियों से कुचलकर निर्मम हत्या कर दी गई। यह ह्रदय विदारक घटना हमारे लोकतंत्र पर एक काले धब्बे के समान है। सांसद ने प्रधानमंत्री से निवेदन किया कि इस घटना में निष्पक्ष जांच एवं न्याय के लिए इसमें लिप्त एक केंद्रीय मंत्री पर भी सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र संविधान, संवाद और संवेदनशीलता से चलता है। देश के किसान समस्याओं का संवेदनापूर्वक समयबद्ध निस्तारण की अपेक्षा करते हैं।