अजब-गजब : पीलीभीत में कोतवाली के अंदर प्रभारी निरीक्षक के सिर पर बैठा बंदर, वीडियो वायरल Pilibhit News
जब शहर कोतवाल अपने कार्यालय में बैठकर विभागीय कामकाज में तल्लीन थे तभी अचानक एक बंदर कूदकर उनके सिर पर बैठ गया।
जेएनएन, पीलीभीत : यूं तो पुलिस से खूंखार अपराधी खौफ खाते हैं, लेकिन कभी कभी पुलिस की जान भी सांसत में फंस जाती है। कुछ ऐसा ही वाक्या शहर कोतवाली में हुआ है। जब शहर कोतवाल अपने कार्यालय में बैठकर विभागीय कामकाज में तल्लीन थे, तभी अचानक एक बंदर कूदकर उनके सिर पर बैठ गया। बंदर करीब पांच मिनट कर शहर कोतवाल के सिर पर बैठकर उनके बालों में उंगलियां घुमाता रहा। इस दौरान शहर कोतवाल घबरा गए, लेकिन उन्होंने अपना धैर्य बनाए रखा। इस पूरे घटनाक्रम की वीडियो क्लिप मंगलवार की सुबह सोशल मीडिया पर वायरल हुई है। मामला चर्चा का विषय बन गया है।
लगाई छलांग, सिर पर हुआ सवार
मामला सोमवार की दोपहर का हैै, जब सदर कोतवाली कार्यालय में प्रभारी निरीक्षक श्रीकांत द्विवेदी अपना काम निपटा रहे थे। तभी अचानक एक बंदर कार्यालय में दाखिल हुआ, लेकिन शहर कोतवाल को इसका आभास नहीं हो सका। फिर क्या था? बंदर छलांग लगाकर शहर कोतवाल के सिर पर सवार हो गया। बंदर की हरकत देख शहर कोतवाल की सांसे अटक गई। इधर सिर पर बैठे बंदर को देख मौजूद सिपाही व अन्य लोग भी घबरा गए। दो सिपाही बंदर को हटाने के मकसद से आगे बढ़ने लगे, लेकिन शहर कोतवाल ने उनको रोक दिया।
पांच मिनट तक बालों से खेलता रहा बंदर
करीब पांच मिनट तक बंदर शहर कोतवाल के सिर पर बैठकर उंगलियां घुमाता रहा। फिर खुद ही हट गया। बंदर कार्यालय के बाहर निकल गया। इसके बाद ही शहर कोतवाल तथा अन्य सिपाहियों की सांस में सांस आई। शहर कोतवाल के सिर पर तो बंदर ने बड़े प्यार से उंगलियां घुमाई थीं, लेकिन कार्यालय के बाहर निकलते ही उसे देखकर भागी लड़की के पैर में बंदर ने काट लिया। पुलिस वालों ने घायल लड़की को अस्पताल पहुंचाकर उपचार करवाया।
वीडियो वायरल होने से चर्चाओं में कोतवाल
शहर कोतवाल के सिर पर बंदर बैठने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही चर्चा का विषय बन गया है। लोग तरह तरह की चर्चाए कर रहे हैं। कुछ लोग विजयदशमी पर्व से जोड़ते हुए मंगलवार के दिन शहर कोतवाल पर बजरंगवली की कृपा बता रहे है।
सोमवार को कोतवाली में बैठकर कामकाज कर रहा था, तभी एक बंदर सिर पर बैठ गया। डर तो लगा कहीं काट न ले, लेकिन धैर्य के साथ चुप रहा। जिस कारण बंदर खुद ही हट गया।- श्रीकांत द्विवेदी, शहर कोतवाल