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जैदी की जिद से चमकेगा मोहन का मंदिर, Bareilly News

भले ही सात साल बाद अफसरों ने उनकी मंशा को समझा तवज्जो दी। नतीजन उस मंदिर को नया स्वरूप देने के लिए 12 लाख रुपये खर्च करने को राजी हो गए।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Wed, 18 Sep 2019 08:41 AM (IST)Updated: Wed, 18 Sep 2019 01:46 PM (IST)
जैदी की जिद से चमकेगा मोहन का मंदिर, Bareilly News
जैदी की जिद से चमकेगा मोहन का मंदिर, Bareilly News

शांत शुक्ल ’ बरेली

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वर्ष 1857... उस दौर के इतिहास में क्रांतिकारियों की गौरव गाथा तो दर्ज है ही, सौहार्द का एक गीत भी पिरोया गया था। जिसे आज भी गुनगुनाया जा रहा। वही गीत उर्फी रजा जैदी भी गुनगुनाते चले गए। गांव से लेकर लखनऊ तक। अपने कस्बे के नेताओं से लेकर कमिश्नरी मुख्यालय के अधिकारियों तक। दरअसल, उस गीत के भावों में एक मंदिर है, जिसका वह जीर्णोद्धार कराना चाहते हैं। भले ही सात साल बाद अफसरों ने उनकी मंशा को समझा, तवज्जो दी। नतीजन, उस मंदिर को नया स्वरूप देने के लिए 12 लाख रुपये खर्च करने को राजी हो गए। पर्यटन विभाग इसे ठीक करेगा।शहर से करीब 35 किलोमीटर दूर सेंथल के पट्टी गांव में भगवान कृष्ण का मोहन मंदिर वर्ष 1857 में बनाया गया था। इसकी स्थापना सेंथल के तत्कालीन नवाब गालिब के छोटे बेटे मीर मोहम्मद जफर ने कराई थी।

इतिहास

मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए मुहिम चलाने वाले उर्फी रजा जैदी बताते हैं कि 1857 की क्रांति के समय सेंथल रियासत में नवाब गालिब अली का राज था। जब क्रांति की हवा रुहेलखंड पहुंची तब क्रांतिकारी खान बहादुर खान की मदद के लिए नवाब ने सेंथल निवासी खेमकरन अहीर की अगुवाई में एक टुकड़ी बनाई थी। इस टुकड़ी में गांव पट्टी के भोला बेलदार शामिल थे। दोनों ने अग्रेजों से मोर्चा लिया और रुहेलखंड की जमीन से पैर उखाड़ दिए थे। बाद में अंग्रेज सैनिकों ने उन्हें बंधक बनाया। फिर फांसी दे दी । उन्हीं की याद में पट्टी गांव में मोहन मंदिर बनाया गया था।

मंदिर पर्यटन विभाग सही कराएगा, मूर्तियां हम स्थापित करेंगे

ऐतिहासिकता समेटे मंदिर की स्थिति खराब हो गई थी। दीवारें गिर गईं, मूर्तियां मलबे में तब्दील हो गईं। पहचान के नाम पर ईंटों के ढेर का ढेर बना है, जिस पर पेड़ लगा है। इसी जगह पर नया मंदिर बनवाने के लिए उर्फी ने मुहिम चलाई। मुख्यमंत्री से लेकर डीएम तक को कई पत्र लिखे। कार्यालयों की दौड़ लगाई। सात साल तक वह डटे रहे तब मुहिम रंग लाई। अब पर्यटन विभाग इस मंदिर स्थल का पुनरुद्धार करने के लिए तैयार हो गया। नया स्वरूप देने के लिए 12 लाख रुपये खर्च करेगा। उर्फी का कहना है कि मंदिर का नया स्वरूप भले पर्यटन विभाग दे लेकिन मंदिर के अंदर भगवान कृष्ण की मूर्तियों की स्थापना हम करेंगे।


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