बरेली में ऐसा भी मॉडिफिकेशन.. बाइक बनी जुगाड़
शौक तो अपनी जगह लाभ कमाने के लिए भी वाहनों को मॉडिफाई कराया जा रहा है। जहां सवारी वाहनों में मानक के विपरीत सीटें बढ़ाई जा रही हैं वहीं बाइक से बने जुगाड़ वाहनों से सामानों की ढुलाई की जा रही है।
बरेली, जेएनएन: शौक तो अपनी जगह, लाभ कमाने के लिए भी वाहनों को मॉडिफाई कराया जा रहा है। जहां सवारी वाहनों में मानक के विपरीत सीटें बढ़ाई जा रही हैं, वहीं बाइक से बने जुगाड़ वाहनों से सामानों की ढुलाई की जा रही है।
परिवहन मंत्रालय की गाइडलाइन के अनुसार, पेट्रोल व डीजल के सिस्टम को सीएनजी में बदला जा सकता है। इसके इतर किया गया बदलाव मॉडिफिकेशन की श्रेणी में आता है। ऐसे वाहनों को सीज करने व पंजीयन नियम में बदलाव तथा फिटनेस के उल्लंघन करने में पांच हजार रुपये जुर्माना का प्रावधान है। नए मोटर व्हीकल एक्ट के सख्त प्रावधान भी कार्रवाई के अभाव में बेअसर साबित हो रहे हैं।
कंडम बाइकों से बनाया जाता है जुगाड़ वाहन
कंडम हो चुकी बाइकों से जुगाड़ वाहन बनाया जाता है। उसे एक ट्राली के रूप में विकसित कर उससे सामान ढोने का काम किया जाता है। सड़कों पर ऐसे वाहनों की संख्या लगातार बढ़ रही है। ऐसे जुगाड़ वाहनों पर बाइक का नंबर तक नहीं होता। यह भी मॉडिफिकेशन की श्रेणी में आता है।
लाभ कमाने के लिए होता है खेल
लाभ कमाने के लिए यात्री वाहनों में सीटें तक बढ़वा दी जाती हैं। कंपनियां सात, नौ, 12, 35 व 52 सीट की गाड़ी बनाती हैं। लाभ कमाने के लिए छोटे वाहनों से लेकर बसों तक में अतिरिक्त सीटें लगाई जाती हैं। यह भी मॉडिफिकेशन की श्रेणी में आता है।
चेकिग के नाम पर होती है खानापूर्ति
वाहनों को मॉडिफाई कराने पर उसका रजिस्ट्रेशन रद करने के साथ पांच हजार रुपये जुर्माना वसूलने का प्रावधान है, लेकिन यह नियम सिर्फ कागजों में हैं। चेकिग के नाम पर खानापूर्ति के चलते वाहनों के मॉडिफिकेशन का कार्य जारी है।
वर्जन
वाहनों को मॉडिफाई कराने वालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए मंगलवार को अभियान चलाया जाएगा। ऐसे वाहनों को चिह्नित कर कार्रवाई की जाएगी।
- आरपी सिंह, एआरटीओ प्रशासन