फतवा प्रकरण : अल्पसंख्यक आयोग ने माना निदा के साथ हुई नाइंसाफी
आला हजरत खानदान की पूर्व बहू निदा खान को इस्लाम से खारिज करने का फतवा जारी कर उलमा कार्रवाई की जद में आ गए हैं।
बरेली (जेएनएन)। आला हजरत खानदान की पूर्व बहू निदा खान को इस्लाम से खारिज करने का फतवा जारी कर उलमा कार्रवाई की जद में आ गए हैं। उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग की जांच समिति के दोनों सदस्य रूमाना सिद्दीकी और कुंवर इकबाल हैदर ने इसका इशारा दिया है। यह कहते हुए कि देश में कानून का राज है, इससे बढ़कर कुछ भी नहीं है। रूमाना सिद्दीकी ने कहा कि निदा के साथ अन्याय हुआ है। इन्हें इंसाफ दिलाया जाएगा। दिन भर चली पूछताछ को आयोग के सख्त रुख का संदेश माना जा रहा है।
तलाक और हलाला पर देश भर में मचा शोर
निदा को इस्लाम से खारिज करने, तलाक और हलाला के मुद्दे पर देश भर में मचे शोर के बीच आयोग की टीम बुधवार रात बरेली पहुंची थी। गुरुवार सुबह साढ़े नौ बजे से टीम ने जांच शुरू कर दी। सबसे पहले सर्किट हाउस में पुलिस प्रशासन से पूरे मामले की रिपोर्ट ली। इसके बाद निदा को बुलाकर दो घंटे बात की। इस दौरान निदा ने खुलकर अपने साथ हुई ज्यादती बयां की। यहां से टीम फतवा जारी करने वाले शहर काजी मुफ्ती मुहम्मद असजद रजा खां कादरी से मिलने दरगाह आला हजरत पहुंची। वहां शहर इमाम मुफ्ती खुर्शीद आलम से भी मुलाकात की। बंद कमरे में करीब एक घंटे उनका पक्ष जाना।
फतवा के जरिये कानून का उल्लंघन
बताते हैं, उलमा ने सफाई दी कि फतवा निदा के नाम से जारी नहीं हुआ है। इसके बाद टीम निदा की पूर्व ससुराल पहुंची। यहां उनके पूर्व शौहर शीरान रजा खां का भी पक्ष सुना। हालांकि, निदा का पक्ष जानने के बाद ही आयोग की टीम ने पूरे मामले में अपनी स्थिति स्पष्ट कर ली। मीडिया से बातचीत में बार-बार फतवे की अहमियत को सिरे से खारिज किया। सदस्यों ने कहा कि निदा के साथ अब तक नाइंसाफी हुई है। आयोग इस पर सख्त है। फतवा के जरिये कानून का उल्लंघन करने वालों पर मुकदमा दर्ज हो सकता है। डीएम और एसएसपी को निदा खान की सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैैं। यह भी कहा कि फतवे पर आगे की कार्रवाई का फैसला शुक्रवार को लखनऊ में आयोग की बैठक के दौरान लिया जाएगा।