साहसी बेटी, डरो नहीं लड़ो, हारेगा शोहदों का दुस्साहस
जागरण संवाददाता, बरेली : बेटी, तुम बहुत साहसी हो। तुमने जुल्म को अनदेखा नहीं किया, बल्कि उससे लड़ने क
जागरण संवाददाता, बरेली : बेटी, तुम बहुत साहसी हो। तुमने जुल्म को अनदेखा नहीं किया, बल्कि उससे लड़ने की ओर कदम बढ़ाया। अपने दिलो-दिमाग में रत्ती भर भी शर्म या डर का ख्याल मत रखना है। हम सब तुम्हारे साथ हैं। विश्वविद्यालय से लेकर, पुलिस-प्रशासन आपको सुरक्षा और न्याय दिलाने के लिए साथ खड़ा है। बस हौसला रखो, हिम्मत न हारो।
क्योंकि खता आपकी नहीं है। दोष उस गार्ड का है, जिसने तुम्हें डिस्टर्ब किया। वो कड़ी सजा का हकदार है और उसे ये सजा जरूर मिलेगी। हम अपने सभी बच्चों (विद्यार्थियों) से ये उम्मीद करते हैं जिदंगी में कैसी भी घटना या मुश्किल में फंस जाएं। उससे लड़कर पार आने का जुनून रखें। यह सोचकर लड़ें ताकि कोई दूसरा आपकी जैसी घटना का शिकार न बने। ये साहस आपने दिखाया है। इसलिए निराश न हों, न ही खुद को किसी तरह का दोष दें। इंसान की जिंदगी में कई ऐसी मुश्किलें आती हैं, जहां उनकी साहस का इम्तिहान होता है। इसलिए भी परेशान होने की बात नहीं है, क्योंकि शासन भी बेटियों की सुरक्षा को लेकर बेहद सतर्क है। गलत करने वाले को सजा मिलती है। आप हैं समाज का हौसला
अपने साथ हुई घटना की आपने फौरन शिकायत की। ये दर्शाता है कि तुम बहादुर हो। हमारे सभी बच्चे ऐसे ही साहसी बनें। बेटियां, महिलाएं आपका अनुसरण करेंगी। जब भी कोई उन्हें तंग करेगा, वो चुप न रहकर विरोध करेंगी। हमारे बच्चे ही समाज का हौसला हैं। मैं, आश्वस्त करता हूं कि मेरे स्तर से जो भी आपको सहयोग चाहिए होगा, वो मैं करूंगा।
(रुहेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अनिल शुक्ल ने कैंपस में हुई छेड़खानी की घटना के खिलाफ मुखर होने वाली छात्रा को बहादुरी के लिए यह संदेश दिया है)