परिवार में सदस्य बढ़ें तो प्रमाण दें, बन जाएगा आयुष्मान कार्ड Bareilly News
आयुष्मान जन आरोग्य योजना की समुचित जानकारी नहीं होने के कारण पात्र भी योजना का लाभ नहीं ले पा रहे। सूची में चयनित होने के बावजूद किसी का कार्ड नहीं बन सका तो किसी को सूची में नाम बढ़वाने की प्रक्रिया की जानकारी नहीं।
जेएनएन, बरेली : आयुष्मान जन आरोग्य योजना की समुचित जानकारी नहीं होने के कारण पात्र भी योजना का लाभ नहीं ले पा रहे। सूची में चयनित होने के बावजूद किसी का कार्ड नहीं बन सका तो किसी को सूची में नाम बढ़वाने की प्रक्रिया की जानकारी नहीं। स्वास्थ्य विभाग ने इस बाबत पहल की है। पात्र परिवारों के सत्यापन के बाद बढ़े सदस्यों का नाम भी योजना में शामिल किया जाएगा। उन्हें भी गोल्डन कार्ड जारी होंगे ताकि वह भी पांच लाख तक निश्शुल्क चिकित्सा का लाभ उठा सकें।
मार्च 18 में हुआ था आरंभ
जिले में आयुष्मान योजना का शुभारंभ पिछले साल 23 मार्च को किया गया। उससे पहले केंद्र सरकार ने वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार बनाई गई गरीब पात्र परिवारों की सूची स्वास्थ्य विभाग को भेजी थी। स्वास्थ्य विभाग ने गांवों में खुली बैठक कर पात्र परिवारों का सत्यापन किया था। परिवार के नए सदस्यों के नाम जोड़े थे और जो नहीं रहे उनके नाम हटाए थे। शहरी क्षेत्र में 1.03 लाख और ग्रामीण क्षेत्र में 1.30 लाख पात्र परिवार योजना में शामिल हैं। अब तक करीब 1.21 लाख पात्र परिवारों को गोल्डन कार्ड जारी किया जा चुका है और जिले में 16 हजार से अधिक मरीज योजना के तहत लाभ प्राप्त कर चुके हैं।
नाम जोड़ने को देना होगा प्रमाण
जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ. अनुराग ने बताया कि पात्र परिवारों के सत्यापन के बाद परिवार में शामिल हुए
सदस्यों के नाम भी जोड़े जा सकेंगे। परिवार में बहू आई है तो उनका विवाह प्रमाण पत्र और कोईबच्चा पैदा हुआ है तो उसका जन्म प्रमाण पत्र देना होगा। इसके साथ ही नए सदस्यों का नाम राशन कार्ड में होना भी अनिवार्य है। जिसका नाम शामिल होगा और परिवार के मुखिया दोनों के अंगूठे के निशान भी लिए जाएंगे।
सत्यापन में भी लापरवाही की आशंका
जिले में योजना के पात्र परिवारों के सत्यापन में स्वास्थ्य विभाग द्वारा लापरवाही बरतने की आशंका से
भी इन्कार नहीं किया जा सकता है। सत्यापन के लिए पात्र परिवारों को बुलाने का काम आशा वर्करों को दिया गया था। स्वास्थ्य विभाग ने इसकी सूचना गांवों में करवाई। बावजूद इसके खुली बैठकों में कई जगह पात्रों के नाम शामिल न करने की शिकायत आई।