छह मजदूरों की मौत में एनएचएआइ की लापरवाही
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की लापरवाही सामने आई है।
जागरण संवाददाता, बरेली : पश्चिम बंगाल के छह मजदूरों की गढ्डे में दबकर मौत हो जाने के मामले में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की लापरवाही सामने आई है। एडीएम सिटी ने माना कि जब विंध्याटेल कंपनी को खोदाई की अनुमति नहीं दी गई तो फिर उस पर मुकदमा क्यों नहीं दर्ज कराया? इसके लिए एनएचएआइ अफसरों को रविवार तक का समय दिया है।
गढ्डे में छह मजदूरों के दफन होने की अफसोसनाक घटना को लेकर कलेक्ट्रेट में तफ्तीश हुई। डीएम वीरेंद्र कुमार सिंह के निर्देश पर एडीएम सिटी ने संबंधित विभागों को साथ बैठाकर पूछताछ की। नगर निगम, आवास विकास, लोकनिर्माण विभाग, बरेली विकास प्राधिकरण और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अफसरों से पूछा कि किन-किन ने सड़कों की खोदाई के लिए अनुमति दी है। साफ हुआ कि एनएचएआइ ने एक और नगर निगम तीन अनुमति दी हैं। पीडब्ल्यूडी अफसरों ने बताया कि बीसलपुर मार्ग के लिए अनुमति को आवेदन आया था। विध्यांचल टेल को सड़क की खोदाई पर 26 लाख रुपये का स्टीमेट बनाकर दिया था। फर्म उसके बाद वापस नहीं लौटी। अनुमति जारी नहीं हो सकी। पीलीभीत बाईपास मार्ग पर वुडरो के सामने जिस जगह खोदाई के लिए गढ्डा खोदा गया, उसकी अनुमति नहीं ली गई थी। एडीएम ने एनएचएआइ की तरफ से आए हर्षित जैन से कहा कि जब फर्म ने बगैर अनुमति जमीन खोदकर लाइन बिछाना शुरू की तो उसे रोका क्यों नहीं? अब जब इतना बड़ा हादसा हो गया तो उसके बाद भी कंपनी पर एफआइआर क्यों नहीं कराई। 24 घंटे के भीतर एफआइआर कराने के निर्देश दिए। साथ ही सभी विभागों से कहा कि अपने-अपने मार्ग का निरीक्षण करके रिपोर्ट दें कि कितनी जगह काम चल रहा है और उसकी अनुमति फर्म को जारी की गई है या नहीं। वर्जन
रविवार तक सभी विभाग मांगी गई जानकारी उपलब्ध कराएंगे। सोमवार तक डीएम को रिपोर्ट सौंप देंगे। पूरे मामले में एनएचआइ की लापरवाही रही है।
ओपी वर्मा, एडीएम सिटी