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अधिक तापमान घटा रहा दवाओं का असर

जागरण संवाददाता, बरेली : दवा असर नहीं कर रही, कई दिन हो गए मगर मरीज ठीक नहीं हो पा रहा। ऐसे शब्द अक्

By JagranEdited By: Published: Mon, 16 Jul 2018 03:19 PM (IST)Updated: Mon, 16 Jul 2018 03:19 PM (IST)
अधिक तापमान घटा रहा दवाओं का असर

जागरण संवाददाता, बरेली : दवा असर नहीं कर रही, कई दिन हो गए मगर मरीज ठीक नहीं हो पा रहा। ऐसे शब्द अक्सर सुनने में आते होंगे। वजह जानेंगे तो चौंक जाएंगे। दरअसल अत्याधिक तापमान ने दवाओं के प्रभाव को कम कर दिया है। तमाम ऐसे इंजेक्शन, एंटीबॉयोटिक समेत अन्य दवाएं कोल्ड चेन में नहीं रखी जा रही हैं। दुकानों पर खुले में दवाएं बेची जा रही हैं। इस कारण उनका प्रभाव भी घट रहा है। वही, लोगों की गलत आदतें भी दवाओं को बेअसर कर रही है। एक्सपर्ट मानते हैं कि अधिक तापमान दवाओं के बॉयोलॉजिकल स्ट्रेक्चर को नुकसान पहुंचा रहा है। इसकी रोकथाम किसी भी स्तर पर नहीं की जा रही है।

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कई दवाएं कमरे के तापमान तक ठीक

डॉक्टर्स मानते हैं कि कई ऐसी दवाइयां हैं जो सिर्फ कमरे के तापमान तक ही इस्तेमाल करने लायक होती हैं। ऐसी दवाओं में 25 या फिर 30 डिग्री सेल्सियस पर रखने की वार्निग दी गई होती है। बावजूद इसके लोगों की गलत आदतों के कारण वे प्रभाव छोड़ रही हैं। कई बार कार में रखी रहने, घर में गर्मी या धूप के सामने रख दिया जाता है। कई ऐसी दवाएं जिन्हें डॉक्टर फ्रिज में रखने की सलाह देते हैं, उन्हें भी साधारण तापमान में रख दिया जाता है।

खुले में रखकर बेच रहे एंटीबॉयोटिक

बाजार में कई ऐसे एंटीबॉयोटिक हैं जिन्हें कोल्ड चेन में रखना जरूरी होता है। एमोक्सीसिलीन, इरिथ्रोमाइसिन, सिप्रोफ्लोक्सोसिन सीरप कैमिस्ट की दुकानों पर खुले में बेचा जा रहा है। इसके अलावा महिला चिकित्सा में इस्तेमाल होने वाले हारमोन इंजेक्शन भी बिना कोल्ड चेन के ही बाजार में बेचे जा रहे हैं। इसमें जेनोट्रोपिन, हृयूमाट्रोप समेत अन्य इंजेक्शन शामिल हैं।

एनेस्थीसिया के इंजेक्शन भी बिक रहे खुले

एनेस्थीसिया के प्रोपोफॉल इंजेक्शन को भी कम तापमान में कोल्ड चेन के अंदर ही रखना होता है। जबकि दुकानों पर इसे सामान्य तापमान में रख दिया जाता। टिटनेस के इंजेक्शन भी कोल्ड चेन में नहीं रखे जा रहे हैं। कई कैमिस्ट की दुकानों पर दवाएं कोल्ड चेन में रखने के साधन ही नहीं हैं।

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हर केमिकल (ड्रग) को रखने का एक निश्चित तापमान होता है। इसलिए वैक्सीन समेत कई दवाओं को कोल्ड चेन में रखते हैं। तापमान अधिक होने पर दवाओं का बॉयोलॉजिकल स्ट्रेक्चर बिगड़ जाता है और उसका असर कम हो जाता है।

डॉ. अतुल अग्रवाल, वैक्सीन विज्ञान के राष्ट्रीय सदस्य


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