पकड़ना आसान, नकलचियों की अकड़ ढीली करने में नाकाम
मुख्य परीक्षा के बाद बीएड के दो केंद्रों पर सामूहिक नकल का खेल सामने आ चुका है।
बरेली : मुख्य परीक्षा के बाद बीएड के दो केंद्रों पर सामूहिक नकल का खेल सामने आ चुका है। बावजूद विश्वविद्यालय तो नकलचियों के आगे बेबस है या बेपरवाह..। वो इसलिए क्योंकि हालिया चार मामले सामने आ चुके हैं और सभी में विवि प्रशासन नकलचियों की अकड़ ढीली करने में पूरी तरह नाकाम रहा है। यह हाल तब है, जब सचल दल ने भी अपनी रिपोर्ट में चिंता जताई थी।
सामूहिक नकल का ताजा घटनाक्रम गुरुवार का है। पीलीभीत के बीसलपुर स्थित सूजरभान सिंह डिग्री कॉलेज में सचल दल ने छापा मारकर एक जैसी कॉपियां लिखी पाई थीं। इतना ही नहीं यहां बाहरी व्यक्ति परीक्षाएं कार रहे थे। बावजूद मामले की जांच तक के निर्देश नहीं हुए। इससे पहले मुरादाबाद के एक बीएड कॉलेज में सामूहिक नकल पकड़ी गई। विवि ने उस पर भी जांच बैठाई लेकिन, रिपोर्ट का पखवारा बाद तक पता नहीं है।
मुख्य परीक्षा की जांच भी पेंडिंग
स्नातक, परास्नातक की मुख्य परीक्षा में दो कॉलेजों पर सामूहिक नकल का आरोप लगा था। सचल दल की रिपोर्ट के बाद विवि ने जांच समिति बनाई, लेकिन उसे भी ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। यह चार तो चर्चित केस हैं। कई छोटे-बड़े मामले बिना किसी हलचल के दबा दिए गए।
जांच के निर्देश तक सीमित कार्रवाई
नकल का हर खेल उजागर होने पर विवि से एक जांच समिति बनाकर पल्ला झाड़ लिया जाता है। जबकि शैक्षिक सत्र 2017-18 में एमबीबीएस से लेकर बीडीएस की परीक्षा में एक साथ दस-दस नकलची पकड़े जा चुके हैं।
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नकल की घटनाओं पर कार्रवाई के संबंध में मुझे सूचना नहीं है। मैं बतौर प्रभारी अभी काम देख रहा हूं। गुरुवार को बीएड परीक्षा में नकल की रिपोर्ट मेरे पास अब तक नहीं पहुंची है।
- वीके मौर्या, उप-कुलसचिव रुविवि