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एलएलबी के छात्र पढ़ेंगे तीन तलाक कानून Bareilly News

तीन तलाक कानून काफी संघर्ष के बाद वजूद में आया है। इसे लेकर बरेली से भी बड़ी आवाज उठी थी।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Sat, 14 Sep 2019 07:53 AM (IST)Updated: Sat, 14 Sep 2019 07:53 AM (IST)
एलएलबी के छात्र पढ़ेंगे तीन तलाक कानून Bareilly News
एलएलबी के छात्र पढ़ेंगे तीन तलाक कानून Bareilly News

बरेली, जेएनएन : एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय में विधि की बोर्ड ऑफ स्टडीज ने एलएलबी और एलएलएम के पाठ्यक्रम में संशोधन को स्वीकार लिया है। एलएलबी में दो महत्वपूर्ण संशोधन हुए है। पहला, मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण अधिनियम (तीन तलाक कानून) को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने को मंजूरी मिली। अब एलएलबी तृतीय वर्ष में इसे फैमिली लॉ के अंतर्गत पढ़ाया जाएगा।

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तीन तलाक कानून काफी संघर्ष के बाद वजूद में आया है। इसे लेकर बरेली से भी बड़ी आवाज उठी थी। अब शायद रुविवि ने इसे पढ़ाने को अपने पाठ्यक्रम में भी शामिल करने के लिए सबसे पहले कदम बढ़ाया है। दूसरा, उत्तर प्रदेश जमींदारी अधिनियम को वर्ष 2016 में सरकार ने निरस्त कर दिया था। इसके बावजूद रुविवि में पिछले तीन वर्षों से कानून के विद्यार्थियों को यही निरस्त विधि पढ़ाई जा रही थी। अब इसके स्थान पर भू-राजस्व संहिता को सिलेबस में शामिल किया है। एलएलबी अंतिम वर्ष में इसे पढ़ाया जाएगा। कंपनी लॉ में भी बदलाव किया गया है। एलएलएम के पाठ्यक्रम में व्यापक रूप से संशोधन हुआ है। विद्या परिषद की मुहर लगने के साथ संशोधित सिलेबस लागू हो जाएगा। विधि के एक एसोसिएट प्रोफेसर के मुताबिक विधि का संशोधित पाठ्यक्रम काफी कसरत के बाद तैयार किया गया है। अधिकांश नए लॉ, अधिनियम, कोर्ट रिव्यू को इसमें स्थान दिया गया है। 

नए कोर्स पर मची रार, नामंजूर

बोर्ड ऑफ स्टडीज में बीकॉम और बीबीए एलएलबी कोर्स शुरू किए जाने का प्रस्ताव रखा गया। प्रस्ताव के मुताबिक कैंपस और कॉलेज दोनों में यह कोर्स शुरू किए जाने थे। इसलिए क्योंकि कारपोरेट सेक्टर में इन दोनों कोर्स की तेजी से मांग बढ़ रही है। मगर अधिकांश सदस्यों ने नए कोर्स शुरू करने का विरोध किया। इस कारण यह इनका प्रस्ताव खारिज हो गया है।  


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