ऐसा वायरस जो चुपचाप आता और जान ले जाता
जेएनएन, बरेली : जिले में स्वास्थ्य विभाग ने बुखार से होने वाली मौतों का आंकड़ा तो फिलहाल कम कर दिया मगर वायरल का कहर जारी है।
जेएनएन, बरेली : जिले में स्वास्थ्य विभाग ने बुखार से होने वाली मौतों का आंकड़ा तो फिलहाल कम कर दिया है, लेकिन खतरनाक प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम को पूरी तरह नहीं रोक पा रहा है। यही कारण है कि रोजाना सैकड़ों मरीज इसी खतरनाक मलेरिया का शिकार हो रहे हैं। बुधवार को भी करीब साढ़े चार सौ मरीजों में फाल्सीपेरम की पुष्टि हुई। तीन सौ से ज्यादा ऐसे मरीजों की मौत हो चुकी है। दो से चार दिन बुखार से तपने के बाद मरीज की मौत हो जाती है। पिछले महीने जब बीमारी ने पैर पसारे तो स्वास्थ्य विभाग को भी आभास नहीं हुआ कि यह वायरस कितना जानलेवा है। बीते दिनों जब सूबे के स्वास्थ्य मंत्री आए तब इस वायरस के बारे में पता चला।
जिले के सबसे अधिक प्रभावित पांच ब्लॉकों में बीते करीब बीस दिनों से स्वास्थ्य विभाग की टीम लगी है। गांवों में कार्ड टेस्ट से मलेरिया की जांच हो रही है। राज्य स्तर की टीम को गांवों में सबसे पहले मलेरिया का खतरनाक प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम पैरासाइट मिला था। उसके बाद से लगातार बीमारी के मरीज मिल रहे हैं। बुधवार को जिले में 110 टीमों को लगाया गया। इसमें बुखार के करीब साढ़े नौ हजार मरीजों की जांच कराई गई। 11 सौ से अधिक वाईवेक्स और 454 मरीज फाल्सीपेरम के निकले। इस तरह अब तक जिले में फाल्सीपेरम के आंकड़े 3389 पहुंच चुके हैं। सीएमओ डॉ. विनीत शुक्ल ने बताया कि बुधवार को जिले के बुखार पीड़ित नौ स्थानों पर फॉगिंग कराई गई और 71 जगहों पर लार्वासाइडल छिड़काव कराया गया। उन्होंने बुधवार को बुखार से कोई मौत नहीं होना बताया।
डेंगू के दो और संदिग्ध भर्ती
जिला अस्पताल में डेंगू के दो और संदिग्ध मरीज बुधवार को भर्ती किए गए हैं। मरीज के शरीर में खुजली व अन्य लक्षण पाए जाने के कारण डॉक्टरों ने उनका एलाइजा टेस्ट करवाया है। फिलहाल रिपोर्ट नहीं आने के कारण डॉक्टरों ने डेंगू की पुष्टि नहीं की है।