Swami Chinmayanand Case : ब्लैकमेलिंग की आरोपित छात्रा व दो युवक कोर्ट में हुए पेश
पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री चिन्मयानंद से ब्लैकमेलिंग के आरोपितों की सोमवार को कोर्ट में पेशी हुई। जबकि दोनों भाजपा नेताओं की ओर से हाजिरी माफी के लिए प्रार्थना पत्र दिया गया।
जेएनएन, शाहजहांपुर। पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री चिन्मयानंद से ब्लैकमेलिंग की आरोपित छात्रा व दो युवक कोर्ट में पेश हुए। हालांकि, अधिवक्ताओं के न्यायिक कार्य से विरत होने के कारण तीनों से पत्रावली पर साइन कराकर उन्हें वापस भेज दिया गया। वहीं, डीसीबी चेयरमैन समेत तीन अन्य आरोपित पेश नहीं हुए। उनकी ओर से हाजिरी माफी का प्रार्थनापत्र भेजा गया।
सोमवार को ब्लैकमेलिंग की आरोपित छात्रा पहले मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सीजेएम ओमवीर सिंह की कोर्ट पहुंची। कुछ देर बाद उसका दोस्त संजय सिंह व विक्रम सिंह भी कोर्ट पहुंचे। सेंट्रल बार एसोसिएशन की ओर से शोक प्रस्ताव पारित होने के कारण अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत थे। इसलिए उन लोगों के पत्रावली पर साइन कराए गए। जिसके बाद सुनवाई की अगली तिथि नियत कर दी गई। ब्लैकमेलिंग के आरोपित डीसीबी चेयरमैन संजय सिंह, भाजयुमो के पूर्व जिला मंत्री अजीत सिंह व सचिन सेंगर को भी पेश होना था, लेकिन उनकी ओर से कोर्ट में हाजिरी माफी का प्रार्थना पत्र भेजा गया।
चिन्मयानंद की जमानत भी हुई मंजूर
हाईकोर्ट ने चिन्मयानंद की जमानत अर्जी भी सोमवार को मंजूर कर ली है। न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी ने बड़ी धनराशि के मुचलके पर उन्हें रिहा किए जाने के आदेश दिए हैं। चिन्मयानंद 20 सितंबर से जिला जेल में बंद हैं। उनकी जमानत पर करीब दो माह पहले सुनवाई हुई थी, तब से कोर्ट में फैसला सुरक्षित था।
यह है पूरा मामला
22 अगस्त को पूर्व केंद्रीय मंत्री और मुमुक्ष आश्रम के अधिष्ठाता चिन्मयानंद के मोबाइल पर वाट्सएप मैसेज आया, जिसमें लिखा था कि पांच करोड़ रुपये नहीं दिए तो बदनाम कर देंगे। उनके वकील ने इसकी शिकायत पुलिस में भी की थी, हालांकि तब मुकदमा नहीं हुआ था। इस बीच 24 अगस्त को उन्हीं के कॉलेज की एलएलएम छात्रा ने फेसबुक पर वीडियो वायरल कर उन पर गंभीर आरोप लगाए और लापता हो गई। 27 अगस्त को छात्रा के पिता की तहरीर पर चिन्मयानंद पर छात्रा के अपहरण का मुकदमा दर्ज किया गया था। 30 अगस्त को क्राइम ब्रांच ने छात्रा को उसके दोस्त संजय के साथ राजस्थान के दौसा जिले के एक होटल से बरामद कर लिया था। इस बीच सुप्रीम कोर्ट पूरे प्रकरण का स्वत: संज्ञान ले चुका था इसलिए छात्रा को सीधे दिल्ली लाया गया। बयान दर्ज हुए, जिसके बाद कोर्ट ने एसआइटी गठित करने के आदेश दे दिए। छह सितंबर को एसआइटी ने शाहजहांपुर पहुंचकर मामले की जांच शुरू की थी। इस दौरान चिन्मयानंद के कई आपत्तिजनक वीडियो वायरल हुए थे। वहीं, एलएमएम छात्रा के संजय सिंह, विक्रम सिंह और सचिन सेंगर के साथ रुपयों के लेनदेन को लेकर वीडियो वायरल हो गए थे। मामले में एसआइटी ने 20 सितंबर को चिन्मयानंद को छात्रा से दुष्कर्म के आरोप में गिरफतार कर जेल भेज दिया था। जबकि संजय, विक्रम और सचिन को चिन्मयानंद से ब्लैकमेलिंग में गिरफ्तार कर जेल भेजा था। 25 सितंबर को एसआइटी ने छात्रा को भी ब्लैकमेलिंग का आरोपित बनाते हुए जेल भेज दिया था। बीती नवंबर में एसआइटी ने मामले में कोर्ट में अपनी चार्जशीट दाखिल की थी। इसमें भाजपा के पूर्व जिला महामंत्री डीपीएस राठौर और भाजयुमो के पूर्व जिला महामंत्री अजीत सिंह को भी ब्लैकमेलिंग का आरोपित बनाया था।
ब्लैकमेलिंग के आरोपित हो चुके है जमानत पर रिहा
चिन्मयानंद से ब्लैकमेलिंग की आरोपित छात्रा, उसके दोस्त संजय सिंह, विक्रम सिंह और सचिन सेंगर की हाईकोर्ट से पहले ही जमानत मंजूर हो चुकी है। ब्लैकमेलिंग के आरोपितों को जमानत पर जेल से रिहा भी किया जा चुका है।