MARKET : जानिए लोगो को क्यों चौका रहा पानी में जलने वाला दीपक और कोलकाता की मूर्तियां Bareilly News
इनकी खासियत यह है कि पानी में डालने पर ही यह जलती है। दीपावली पर पूजन के लिए लक्ष्मी गणेश की मूर्तियां भी बाजार में आ गई हैं। इस बार कोलकाता से विशेष मूर्तियां आईं हैं।
जेएनएन, बरेली: त्योहार की रौनक दिखने लगी, बाजार सज गए हैं। दिवाली से पहले घरों को संवारने, सजाने की वस्तुओं की खूब खरीदारी हो रही। हम आपको बताते हैं कि इस बार के बाजार में नया क्या है और कौन सी चीजें आपके घर को अलग लुक देंगीं।
घंटी, सीप व छोटे शंखों की झालर
घरों को सजाने के लिए घंटी वाली झालरों की सबसे ज्यादा वैरायटी उपलब्ध हैं। इनकी कीमत 100 से 500 रुपये तक है। इसके अलावा समुद्र किनारे मिलने वाले सीप और छोटे शंख व मोतियों से बनी झालर भी बाजार में खूब बिक रही है। दरवाजे पर इसकी सजावट बेहतरीन हैं।
पानी में जलेगा दीपक करेगा आकर्षित
इस दीपावली पर पानी में जलने वाले दीपक भी बाजार में आए हैं। ये पानी में तैरते हैं। दरअसल, इनमें छोटी एलईडी लगी है। इनकी खासियत यह है कि पानी में डालने पर ही यह जलती है। दस सेट के इन दीपकों की कीमत 500 से लेकर 550 रुपये हैं। इसी तरह से पानी में तैरने वाले फूलनुमा दीये भी आए हैं। फूल के आकार में यह दीये पानी में जलते और तैरते हैं।
कोलकाता की लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां
दीपावली पर पूजन के लिए लक्ष्मी गणेश की मूर्तियां भी बाजार में आ गई हैं। इस बार कोलकाता से विशेष मूर्तियां आईं हैं। इन पर बेहतरीन पॉलिश है। जो आसानी से छूटने वाली हैं। लक्ष्मी-गणेश की ये मूर्तियां सौ रुपये से लेकर पांच हजार रुपये तक की हैं। इनकी पॉलिश व डिजायनिंग बेहद आकर्षक है। मूर्तियों में खास बात यह है कि चाइनीज आइटम इस बार न के बराबर है। कोलकाता से स्वदेशी मूर्तियां बनाकर भेजी गई है। इस बार तो कोलकाता से सीपों व छोटे शंखों से जड़ा दीप भी बनकर आया है। जो बेहद खूबसूरत है। खास बात यह है कि यह दीया कभी भी जलाया जा सकता है। इसमें अंदर मोम का दीपक है। मोम खत्म होने पर दोबारा मिल जाता है। उसे दोबारा भरकर दीपक में अंदर रख दें।
खास पहचान बनाता पर्दों का बाजार
घरों को सजाने के लिए लोग पर्दे भी खूब खरीद रहे हैं। बाजार में ब्रांडेड व लोकल दोनों तरह के पर्दे बिक रहे हैं। पर्दों की अलग-अलग रेंज व डिजायन है। 250 रुपये से लेकर पांच हजार रुपये तक के पर्दे बाजार में उपलब्ध है। कॉटन से लेकर सिल्क तक के पर्दे हैं। औसतन 300 से 500 रुपये तक के पर्दे खासे बिक रहे हैं। दीपावली को देखते हुए दुकानदारों ने करीब 15 दिन पहले ही माल मंगवा लिया था। जिससे दीपावली पर माल की कमी न हो। दुकानदारों ने बताया कि दीपावली को लेकर अब बिक्री शुरू हो गई है।
ऑन लाइन खरीदारी से पड़ रहा असर
दीपावली को लेकर एक तरफ जहां व्यापारियों में उत्साह है। वहीं व्यापारी ऑन लाइन खरीदारी के बढ़ते चलन को लेकर डरे हुए हैं। ड्राई फ्रूट से लेकर कपड़े, टीवी, पंखे, फ्रिज, मोबाइल व हर सामान ऑन लाइन बिक रहा है। इन दिनों बंपर छूट चलने के कारण भी लोग जमकर ऑन लाइन शापिंग कर रहे हैं। जिससे यहां के दुकानदारों पर सीधा असर पड़ रहा है।
खराब हो रहा बाजार
कार्लोन मैटर्स के डिस्ट्रीब्यूटर्स संदीप सिंह बग्गा बताते हैं कि इस बार मार्केट में अभी तक उछाल नहीं आया। हां आज से खरीदारी शुरू हुई है। संदीप का कहना है कि वह ब्रांडेड गद्दे और पर्दे ही बेचते हैं। लेकिन अभी तक उतनी सेल नजर नहीं आ रही। महज तीन हजार रुपये में ब्रांडेड गद्दा बेच रहे हैं बावजूद इसके कई उपभोक्ता ऐसे हैं जो ऑनलाइन ही खरीदेंगे। ऑनलाइन में क्वालिटी की कोई गारंटी नहीं। ऑनलाइन शापिंग दुकानदारों को घाटा पहुंचा रही है।
सारा खेल सस्ते का हंस डेकोरा शोरूम के स्वामी आरके देवल कहते हैं कि यह बात सही है कि ऑन लाइन शापिंग का चलन बढ़ रहा है। लेकिन इसमें ग्राहक पूरी तरह संतुष्ट नहीं होता। तमाम मूर्तियां और घरों को सजाने के आइटम ऑन लाइन बेचे जा रहे हैं। लोग बुक तो कर देते हैं लेकिन जब डिलीवरी हो जाती है तब पता चलता है कि आइटम उतना सुंदर नहीं जितना वह समझ रहे थे। सस्ते के चक्कर में ऑन लाइन शापिंग बढऩे से दुकानदारों पर इसका असर पड़ रहा है।